UPSTDC Launches Guided Tours from Lucknow to Naimisharanya
UPSTDC Launches Guided Tours from Lucknow to Naimisharanya आज यानी 27 सितंबर को वर्ल्ड टूरिज्म डे है. इस मौके पर उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम ने लखनऊ से नैमिषारण्य और अयोध्या के लिए एक दिवसीय गाइडेड टूर की शुरुआत की है. इस पहल से भक्तों को धार्मिक स्थलों तक आसानी से पहुंचाने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. सीनियर सिटीजन को इन टूर पैकेजों में विशेष छूट मिल रही है. www.upstdc.co.in पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है.
आस्था के साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा-
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस पहल को 'आस्था और पर्यटन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम' बताया. उन्होंने कहा कि नैमिषारण्य और अयोध्या के गाइडेड टूर श्रद्धालुओं को न सिर्फ पवित्र स्थलों के दर्शन कराएंगे, बल्कि उन्हें इन स्थलों की पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी भी देंगे. हमारा लक्ष्य सुरक्षित, सुलभ और सार्थक यात्राएं सुनिश्चित करना है.
लखनऊ–नैमिषारण्य टूर-
संचालन दिन: शुक्रवार, रविवार, सोमवार
समय: सुबह 8:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक
किराया: 1,700 रुपए
सीनियर सिटीजन के लिए किराया: 1,000 रुपए
दर्शनीय स्थल: चक्रतीर्थ, व्यास गद्दी, ललिता देवी मंदिर
लखनऊ–अयोध्या टूर-
संचालन दिन: शनिवार, रविवार
समय: सुबह 8:00 बजे से रात 8:30 बजे तक
किराया: 2 हजार रुपए
सीनियर सिटीजन के लिए किराया: एक हजार रुपए
दर्शनीय स्थल: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी, राम की पैड़ी
टूर पैकेज में मिलेंगी ये सुविधाएं-
गाइडेड स्टोरीटेलिंग (कथावाचन), स्वादिष्ट दोपहर का भोजन, ताज़ा जलपान, और एक स्मृति चिह्न यात्रियों को प्रदान किया जाएगा. यात्रियों को धार्मिक स्थलों की महिमा, उनके इतिहास और उनसे जुड़ी कथाओं की जानकारी अनुभवी गाइड देंगे.
सीनियर सिटीजन का विशेष ध्यान-
UPSTDC की प्रबंध निदेशक ईशा प्रिया ने बताया कि ये टूर सीनियर सिटीजन के लिए आरामदायक और गरिमापूर्ण अनुभव सुनिश्चित करेंगे. इससे न केवल बुजुर्गों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी, बल्कि वे युवाओं के साथ मिलकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी अनुभव कर सकेंगे.
सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने का अवसर-
इन गाइडेड टूरों के माध्यम से यूपीएसटीडीसी श्रद्धालुओं को उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक विरासत से जोड़ने का एक नया रास्ता खोल रहा है. यह पहल न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि सामुदायिक भावना, एकता और सांस्कृतिक गौरव को भी सशक्त बनाएगी.
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