
बनारस एक फिर से इतिहास रचने के लिए तैयार है. वाराणसी में देश का पहला शहर बनने जा रहा है जहां रोपवे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तरह काम करेगा. भारत में अब तक रोपवे टूरिस्ट स्पॉट और धार्मिक स्थानों पर बनाए गए हैं. पहली बार देश में अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट बनाया जा रहा है. इससे काशी के लोगों को रोड पर मिलने वाले जाम से निजात मिलेगी.
वाराणसी में लोगों को ट्रैफिक से बचाने के लिए सरकार ने अनोखा रास्ता बनाया है. बनारस में अब स्थानीय लोग रोपवे से एक-जगह से दूसरे जगह पर जा सकेंगे. रिपोर्ट के अनुसार, काशी के लोगों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए रोपवे पब्लिक ट्रांसपोर्ट बनाया जा रहा. इसका फायदा स्थानीय लोग और टूरिस्ट दोनों उठा सकेंगे. वाराणसी में अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे को बनाने में लगभग 807 करोड़ रुपए की लागत आएगी.
807 करोड़ की लागत से बनने वाला ये पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे बनारस कैंट रेलवे को गोदौलिया चौक से कनेक्ट करेगा. बनारस कैंट रेलवे से गोदौलिया चौक के बीच बन रहा ये रोपवे लगभग 3.75 किलोमीटर लंबा होगा. इस रोपवे के शुरू होने से बनारस कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया जाने में सिर्फ 15 मिनट लगेंगे. जाम की वजह से फिलहाल रोड से जाने में 45-50 मिनट लग जाते हैं. काशी में बन रहे इस रोपवे का किराया फिलहाल तय नहीं हुआ है. इस अनोखे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का किराया बजट में होगा, जिससे आप लोग इसका फायदा आराम से उठा सकें.
वाराणसी में तकरीबन 4 किमी. लंबे इस पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे के चार स्टेशन बनाए जा रहे हैं. ये चार स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन, गोदौलिया चौराहा, रथयात्रा और विद्यापीठ होंगे. इन चारों स्टेशन का काम लगभग पूरा हो गया है. ऊंचाई से बनारस का सुंदर नजारा भी देखने को मिलेगा. अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के स्टेशन पर बनारस का पौराणिकता भी दिखाई देगी. इसके अलावा रोपवे की ट्रॉली भी काशी की थीम पर डिजाइन की जा रही है.
बनारस में रोपवे का काम तेजी से चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मार्च 2023 में इस रोपवे की आधारशिला रखी थी. रोपवे को शुरू करने से पहले इसका ट्रायल किया जा रहा है. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में देश के पहले अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे का पहला ट्रायल किया गया था. इस ट्रायल में एक गंडोला रथ यात्रा और कैंट स्टेशन के बीच हुआ था. धीर-धीरे इस रूट पर और ट्रॉलियो को जोड़ा जाएगा. ट्रॉलियों का संख्या बढ़ाते हुए रोपवे के ट्रायल किए जाएंगे.
हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) की प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा ने बताया की कि ट्रायल रन तीन महीने से ज्यादा समय तक चला. इससे रोपवे के बेहतर बनाने में काफी मदद मिली. बनारस में रोपवे के होने से आने-जाने में काफी आसानी होगी. इस ट्रांसपोर्ट में पैंसेजर्स को मॉडर्न फैसिलिटीज मिलेंगी. सभी स्टेशनों पर ऑटोमेटिक सीढ़ियां, व्हीलचेयर रैंप, टॉयलेट, पार्किंग, खाने-पीने और खरीदारी के लिए भी जगहें होंगी.
वाराणसी में शुरू होने वाला अर्बन पब्लिक ट्रांसपोर्ट रोपवे में लगभग 150 ट्रॉली कार 45-50 मीटर की ऊंचाई पर चलेंगी. हर एक केबल कार में 10 पैसेंजर्स जा सकेंगे. रिपोर्ट्स के अनुसार, काशी में गोंडोला 1-2 मिनट के गैप पर पहुंचेंगे जिससे रोपवे लगातार चलते रहेंगे. वाराणसी में ये रोपवे एक दिन में 16 घंटे चलेंगे. इस साल के अंत तक बनारस में रोपवे सिस्टम शुरू हो जाएगा. काशी में रोपवे सिस्टम शुरू होने से लोगों को तो फायदा मिलेगा ही. इसके अलावा वराणसी आने वाले टूरिस्ट भी इसका लाभ उठा सकेंगे. अब सिर्फ जमीन से ही नहीं ऊंचाई से भी बनारस को देख सकेंगे.