Ales Bialiatski and Alexander Lukashenko (photo twitter)
Ales Bialiatski and Alexander Lukashenko (photo twitter) बेलारूस की एक अदालत ने वर्ष 2022 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजे गए मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बालियात्स्की (Ales Bialiatski) को 10 साल कारावास की सजा सुनाई है. एलेस को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों और अन्य अपराधों के वित्तपोषण के लिए दोषी पाया गया है. एलेस के समर्थकों का कहना है कि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको की सरकार उन्हें जबरदस्ती चुप कराना चाहती है. उधर, एलेस ने उन पर लगाए गए आरोपों से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.
12 साल की सजा देने की मांग की थी
एलेस के साथ तीन अन्य दोषी पाए गए हैं. अभियोजकों ने मिन्स्क अदालत से बेलियात्स्की को 12 साल की सजा देने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने आरोप को देखते हुए 10 साल की सजा सुनाई है. एलेस और उनके सहयोगियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों में फाइनेंस और धन तस्करी का आरोप लगाया गया है. सरकार ने चारों को 2020 में हुए प्रदर्शनों के बाद गिरफ्तार कर लिया था. वो सभी बेलारूस में अलेक्जेंडर लुकाशेंको के राष्ट्रपति बनने का विरोध कर रहे थे.
जुर्माना भी लगाया
अपंजीकृत वेस्ना मानवाधिकार केंद्र के प्रतिनिधि वैलेन्टिन स्टीफानोविच और व्लादिमीर लबकोविच जिन्हें एलेस बालियात्स्की के साथ इस मामले में दंडित किया गया, उन्हें क्रमशः 9 और 7 साल की सजा सुनाई गई.दिमित्री सोलोवोव को आठ साल की सजा सुनाई गई है. अदालत ने प्रत्येक प्रतिवादी पर लगभग 40,000 अमरीकी डालर का जुर्माना भी लगाया है.
टैक्स चोरी के आरोप में सुनाई गई थी सजा
एलेस को अगस्त 2011 में भी हिरासत में लिया गया था और टैक्स चोरी के लिए नवंबर 2011 में 4.5 साल की सजा सुनाई गई थी. जून 2014 में एलेस को उनकी सजा खत्म होने से पहले रिहा कर दिया गया था.
जर्मनी ने की बेलारूस सरकार की आलोचना
जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने भी इस कोर्ट ट्रायल को तमाशा करार देते हुए कहा कि मिंस्क सरकार नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा का सहारा ले रही है. यह उतना ही अपमानजनक है, जितना लुकाशेंको का यूक्रेन युद्ध में पुतिन का समर्थन करना है.
पुतिन के दोस्त हैं बेलारूस के राष्ट्रपति
जिस अलेक्जेंडर लुकाशेंको को सत्ता से बाहर करने के लिए एलेस को नोबेल पीस प्राइज मिला है. वो पुतिन के करीबी माने जाते हैं. यूक्रेन जंग में भी वो रूस का खुलकर साथ दे रहे हैं. लुकाशेंको पर आरोप हैं कि उन्होंने अब तक 1458 राजनीतिक बंदियों को गैर कानूनी तरीकों से जेल में रखा हुआ है. लुकाशेंको को यूरोप का आखिरी तानाशाह के नाम से भी कई लोग जानते हैं.