

अफगानिस्तान में तालिबान के शासन और महिलाओं पर लगाए गए तमाम प्रतिबंधों के बीच 'बोटॉक्स अंडर बुर्का' ट्रेंड तेजी से उभर रहा है. यहां की महिलाएं कॉस्मेटिक सर्जरी पर काफी जोर दे रही हैं. राजधानी काबुल में ही करीब 20 कॉस्मेटिक सर्जरी क्लिनिक एक्टिव हैं, जहां बोटॉक्स, फेसलिफ्ट और हेयर ट्रांसप्लांट जैसी सेवाएं दी जा रही हैं. खास बात यह है कि इन क्लिनिकों में न सिर्फ महिलाएं बल्कि बड़ी संख्या में पुरुष भी आ रहे हैं.
कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं पर रोक नहीं
2023 में जब तालिबान ने पूरे देश में ब्यूटी पार्लर और हेयर सैलून पर बैन लगाया गया, तब यह लग रहा था कि महिलाओं का सौंदर्य से जुड़ा हर साधन खत्म हो जाएगा. लेकिन मेडिकल सर्जरी के दायरे में आने वाली कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं पर रोक नहीं लगाई जा सकी. यही वजह है कि आज ये क्लिनिक न केवल चल रहे हैं बल्कि पहले से ज्यादा सफल हो रहे हैं.
तुर्किए जैसे देशों के डॉक्टर काबुल आकर लोकल डॉक्टर्स को ट्रेनिंग दे रहे हैं. वहीं, कई अफगान डॉक्टर इस्तांबुल जाकर इंटर्नशिप कर रहे हैं. क्लिनिकों में इस्तेमाल होने वाले उपकरण यूरोप और एशिया से आयात किए जाते हैं. नेगिन एशिया क्लिनिक के उप-निदेशक साजिद जादरान ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनके पास एडवांस चीनी डिवाइस हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल होने वाली तकनीक के बराबर हैं.
शादी से पहले हेयर ट्रांसप्लांट का क्रेज
क्लिनिकों में आने वाले अधिकांश पुरुष गंजेपन और दाढ़ी की समस्या का समाधान करवाते हैं. अफगान समाज में गंजापन कमजोरी का प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि कई युवक शादी से पहले कर्ज लेकर भी हेयर ट्रांसप्लांट करवा रहे हैं.
खुद को सुंदर देखकर आत्मविश्वास मिलता है
बुर्का और पाबंदियों के बीच रह रही महिलाएं भी इन क्लिनिकों का रुख कर रही हैं. 25 वर्षीय सिलसिला हमीदी, जिन्होंने दूसरी बार फेसलिफ्ट सर्जरी करवाई, कहती हैं, 'अफगानिस्तान में महिला होना तनावपूर्ण है. भले ही लोग हमें न देखें, लेकिन जब हम खुद को आईने में सुंदर देखते हैं तो आत्मविश्वास मिलता है.'
तालिबान ने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं जैसे पिता या पति के बिना लंबी यात्रा पर रोक, यूनिवर्सिटी और पार्कों में प्रवेश पर प्रतिबंध. इसके बावजूद महिलाएं सौंदर्य सर्जरी का सहारा लेकर अपनी पहचान और आत्मसंतोष तलाश रही हैं.
गरीबी के बावजूद मेकअप पर खर्च
विश्व बैंक के मुताबिक, अफगानिस्तान की आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जी रही है और करीब 10 मिलियन लोग भूख से जूझ रहे हैं. इसके बावजूद कॉस्मेटिक सर्जरी पर खर्च करने वालों की कमी नहीं है. यहां बोटॉक्स की कीमत 3,500 से 7,000 रुपये और हेयर ट्रांसप्लांट की कीमत 21,000 से 41,000 रुपये तक है.
सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसर ने बढ़ाया ट्रेंड
कॉस्मेटिक सर्जरी का यह क्रेज सोशल मीडिया की वजह से और भी तेजी से फैल रहा है. इंस्टाग्राम और अन्य प्लेटफॉर्म पर चिकनी त्वचा, भरे हुए होंठ और घने बाल दिखाने वाले पोस्ट लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. तालिबान के सख्त कानूनों और महिलाओं पर भारी प्रतिबंधों के बावजूद काबुल में कॉस्मेटिक सर्जरी का बाजार फल-फूल रहा है. गरीबी और भूख से जूझते देश में लोग खाने की जगह सुंदरता पर खर्च करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.