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एक ही गांव से हैं 33 डॉक्ट्रेट... कैंब्रिज, कॉरनेल जैसे यूनिवर्सिटीज से Ph.D.... जानिए इस Ph.D Village के बारे में

इस साल के पुरस्कार विजेताओं में एक छात्र त्सिंगहुआ यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए चयनित हुआ, 15 छात्रों ने मास्टर प्रोग्राम्स में प्रवेश पाया और 46 स्नातक छात्र विश्वविद्यालय की तैयारी कर रहे हैं.

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चीन के फ़ुज़ियान प्रांत के नानान शहर में स्थित पेंगदाओ गांव इन दिनों पूरी दुनिया में सुर्खियों में है. यह गांव अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के कारण “पीएचडी विलेज” के नाम से जाना जा रहा है. यहां अब तक 33 ग्रामीणों ने देश और विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से पीएचडी की डिग्री हासिल की है.

ग्रैंड स्कॉलरशिप समारोह बना आकर्षण का केंद्र
पेंगदाओ गांव हाल ही में तब चर्चा में आया जब गुओ फैमिली एजुकेशन फंड द्वारा स्थानीय पूर्वजों के क्लान हॉल में एक भव्य स्कॉलरशिप समारोह आयोजित किया गया. यह इस तरह का सिर्फ दूसरा कार्यक्रम था, जिसमें सैकड़ों छात्र और ग्रामीण शामिल हुए.
इस साल के पुरस्कार विजेताओं में एक छात्र त्सिंगहुआ यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए चयनित हुआ, 15 छात्रों ने मास्टर प्रोग्राम्स में प्रवेश पाया और 46 स्नातक छात्र विश्वविद्यालय की तैयारी कर रहे हैं.

विद्यार्थियों को दी गई 21.7 लाख युआन की स्कॉलरशिप
कार्यक्रम के दौरान गुओ फैमिली एजुकेशन फंड की ओर से कुल 2.17 लाख युआन (करीब ₹26.5 लाख) की स्कॉलरशिप दी गई. इस साल की सबसे बड़ी इंडिविजुअल स्कॉलरशिप 8,000 युआन रही. 

33 पीएचडी होल्डर से सजी गांव की दीवारें
अब तक इस गांव के 33 छात्रों ने देश-विदेश के टॉप संस्थानों से पीएचडी डिग्रियां हासिल की हैं. इनमें त्सिंगहुआ यूनिवर्सिटी, हांगकांग यूनिवर्सिटी, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और कॉर्नेल यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं. इन सभी पीएचडी होल्डर्स और विश्वविद्यालय के नाम गांव की एक बड़ी इमारत पर लाल स्क्रॉल्स पर अंकित किए गए हैं, जो गांव की शैक्षणिक उपलब्धियों का प्रतीक बन गए हैं.

गांव की सफलता के पीछे की सोच
सोशल मीडिया पर भी इस कहानी को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है. कई लोग इसकी सफलता का श्रेय अच्छे फेंगशुई को देते हैं, जबकि अन्य का मानना है कि यह गांव की सकारात्मक और प्रतिस्पर्धी शैक्षिक संस्कृति का नतीजा है. 

पेंगदाओ गांव की यह सफलता इस बात की मिसाल है कि जब समाज, परिवार और शिक्षा सिस्टम मिलकर मेहनत करते हैं, तो एक छोटे से गांव से भी दुनिया के बेहतरीन वैज्ञानिक, रिसर्चर और विद्वान निकल सकते हैं.

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