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Pakistan: आखिर क्या है तोशाखाना मामला, इसमें कैसे फंसे पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और क्यों खोज रही पुलिस, जानिए पूरी कहानी

Imran Khan Toshakhana Case: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. पुलिस वारंट लेकर लाहौर इमरान के घर पर भी गई लेकिन वह वहां नहीं मिले.आइए जानते हैं क्या है तोशाखाना मामला, जिसमें इमरान फंसे हैं.

इमरान खान (फोटो ट्विटर) इमरान खान (फोटो ट्विटर)
हाइलाइट्स
  • नॉन बेलेबल वारंट लेकर इमरान के घर तक पहुंची थी पुलिस

  • IG ने इमरान खान की गिरफ्तारी के दिए हैं आदेश 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में पुलिस खोज रही है. रविवार को नॉन बेलेबल वारंट लेकर इमरान के घर तक पुलिस पहुंची थी लेकिन वहां इमरान नहीं मिले. इसके बाद पुलिस खाली हाथ लौटकर आ गई. इस्लामाबाद IG ने इमरान खान की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं की ओर से पुलिस का विरोध किया जा रहा है. 

इमरान ने ट्वीट कर बोला हमला 
इसी बीच इमरान खान ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व सेना प्रमुख जनरल बाजवा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसी देश का भविष्य क्या हो सकता है जब उस पर शासकों के रूप में बदमाशों को थोपा जाता है. पूर्व पीएम ने कहा कि शहबाज शरीफ को एनएबी की ओर से 8 बिलियन मनी लॉन्ड्रिंग के लिए और एफआईए की ओर 16 बिलियन के भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया जाने वाला था, लेकिन उन्हें जनरल बाजवा ने बचाया. ट्रायल के दौरान उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया था. उसके बाद से वह उन संस्थानों के प्रमुखों का चयन करने के लिए आगे बढ़े जो उनके मामलों की जांच कर रहे थे.  

क्या है तोशाखाना मामला? 
पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है. अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा. यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है. ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है. 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपए के 58 उपहार मिले थे. इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था. बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए.

ऐसे फंसे इमरान
पिछले साल इमरान खान की सरकार गिरने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ पीएमएल-एन गठबंधन वाली सरकार के कुछ सांसदों ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ के सामने तोशाखाना मामले को उठाया था और इमरान खान पर आरोप लगाए थे. उन्होंने एक आरोपपत्र तैयार किया था, जिसमें कहा था कि इमरान खान ने उन्हें मिले उपहारों की डिटेल तोशाखाने को नहीं सौंपी थी. उन्होंने कहा कि इमरान ने उपहार बेंचकर रुपये कमा लिए. नेशनल असेंबली ने जांच का आदेश दिया था. आठ सितंबर को इमरान को एक नोटिस भेज दिया गया था. नोटिस के जवाब में इमरान ने चार उपहारों को बेचने की बात कबूली थी. 

मेरा गिफ्ट है, मैं कुछ भी करूं
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तोशखाना मामला सामने आने के बाद इमरान खान ने इसपर बयान भी दिया था. उन्होंने कहा था कि ये गिफ्ट्स उन्हें निजी तौर पर मिले हैं. इसलिए उन्हें इसे अपने पास रखने का अधिकार है. हालांकि, बाद में उन्होंने तोशखाने मामले के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था.

कोर्ट में बार-बार पेश नहीं होने पर वारंट जारी
इमरान खान को 28 फरवरी को चार अलग-अलग अदालतों में पेश होना था. वह तोशाखाना मामले की सुनवाई में नहीं पहुंचे. इस पर अदालत ने कहा कि आरोपी (इमरान) मामलों को पिक एंड चॉइस बना रहा है और इस केस को प्राथमिकता नहीं मानता. जज ने इसके चलते सुनवाई 7 मार्च के लिए टाल दी और इमरान के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया.

पिछले साल संसद सदस्यता चली गई थी
आरोप साबित होने पर पिछले साल इमरान खान की संसद सदस्यता भी चली गई थी. आरोप साबित होने पर पिछले साल इमरान खान की संसद सदस्यता भी चली गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान खान ने जानबूझकर चुनाव अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था और गलत बयान दिया था. साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी दी थी. इमरान खान को चुनाव अधिनियम की धाराओं के साथ, संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया था.