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केमिकल कास्ट्रेशन क्या होता है? जिसकी मदद से यौन उत्पीड़न अपराधियों से निपटने की प्लानिंग कर रही यूके सरकार

ब्रिटेन में यौन उत्पीड़न के अपराधियों को केमिकल कास्ट्रेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसका मकसद है अपराधियों की सेक्स ड्राइव को कम करना, ताकि वे फिर से अपराध न कर सकें.

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हाइलाइट्स
  • केमिकल कास्ट्रेशन क्या है

  • अपराधियों का केमिकल कास्ट्रेशन कराने जा रही सरकार

ब्रिटेन में यौन उत्पीड़न के अपराधियों को केमिकल कास्ट्रेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा. इसका मकसद ऐसे अपराधियों की सेक्स इच्छा को कम करना है ताकि वे दोबारा अपराध न करें. चलिए बताते हैं केमिकल कास्ट्रेशन क्या है, कैसे काम करता है, इसके फायदे और साइड इफेक्ट्स क्या हैं. ब्रिटेन की सरकार इसे लागू करने पर क्यों जोर दे रही है.

केमिकल कास्ट्रेशन क्या है?
केमिकल कास्ट्रेशन एक तरह का इलाज है जिसमें ऐसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है जिससे किसी व्यक्ति की सेक्स ड्राइव (यौन इच्छा) को बहुत कम या खत्म किया जा सके. यह तरीका सर्जिकल कास्ट्रेशन से अलग है. इसमें शरीर में मौजूद सेक्स हार्मोन, खासकर टेस्टोस्टेरोन को दबा दिया जाता है ताकि यौन उत्तेजना न हो. ये दवाएं अपराधियों को नियमित तौर पर दी जाती हैं. जब ये दवाएं बंद कर दी जाती हैं, तो टेस्टोस्टेरोन का लेवल फिर से सामान्य हो सकता है.

कैसे किया जाता है इलाज

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ब्रिटेन की जेलों में इस इलाज के लिए तीन तरह की दवाएं दी जाती हैं.

1. एंटी-एंड्रोजन दवाएं 
ये दवाएं टेस्टोस्टेरोन के प्रभाव को कम करती हैं. कुछ दवाएं टेस्टोस्टेरोन को शरीर में बनने से रोकती हैं. कुछ दवाएं शरीर की कोशिकाओं में टेस्टोस्टेरोन के असर को रोकती हैं.

2. गोनाडोट्रोपिन रिलीजिंग हार्मोन एगोनिस्ट
ये दवाएं दिमाग के उस हिस्से को कंट्रोल हैं जो शरीर को टेस्टोस्टेरोन बनाने का संदेश देता है. इससे शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्री-टीनेज लड़कों जितना कम हो जाता है.

3. एसएसआरआई दवाएं
ये आमतौर पर डिप्रेशन के इलाज में दी जाती हैं लेकिन ये यौन इच्छा और उत्तेजना को भी कम कर देती हैं. इससे व्यक्ति को अपनी यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखने में मदद मिलती है.

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SSRI के साइड इफेक्ट

  • धूप में जाने पर रिएक्शन

  • जरूरत से ज्यादा पसीना आना

  • नींद आने में परेशानी

  • पाचन में गड़बड़ी

  • लिबिडो कम होना 

क्या यह इलाज असरदार है?
रिसर्च बताती है कि जब ये इलाज मनोवैज्ञानिक थेरेपी के साथ दिया जाए तो यह काफी कारगर हो सकता है. प्रोफेसर बेलिंडा विंडर के अनुसार, यह इलाज लोगों को अपनी यौन सोच और व्यवहार पर काबू पाने में मदद करता है. आंकड़े बताते हैं कि जिन लोगों ने एंटी-एंड्रोजन दवाएं लीं, उनमें दोबारा अपराध करने की दर सिर्फ 2 से 5% तक थी. वहीं आम तौर पर यह दर 50% तक होती है.

स्वैच्छिक है इलाज
SSRIs के असर को लेकर अभी रिसर्च चल रही है. आपको बता दें, अभी तक यह इलाज voluntary है यानी अपराधी खुद इस इलाज को अपनाने के लिए तैयार होते हैं लेकिन ब्रिटेन की न्याय मंत्री शबाना महमूद इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही हैं. कई रिसर्च में सामने आया है कि यौन अपराधियों में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अधिक होता है, जिससे उनमें हिंसा और यौन आक्रामकता बढ़ती है. इसलिए सरकार  केमिकल कैस्ट्रेशन पर जोर दे रही है.