scorecardresearch

Iran Israel Relations: कभी दोस्त हुआ करते थे ईरान और इजरायल, अब बन गए एक-दूसरे के जानी दुश्मन, जानें पूरी कहानी

Iran-Israel War: ईरान और इजरायल आज युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं. दोनों देश एक-दूसरे के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, एक वक्त ऐसा भी था, जब ईरान और इजरायल दोस्त थे. दोनों देशों के बीच व्यापारिक और रक्षा संबंध मजबूत थे. लेकिन साल 1979 में जब ईरान में इस्लामिक क्रांति हुई और अयातुल्लाह खामेनेई देश के सबसे सुप्रीम लीडर बने. उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ते चले गए.

Benjamin Netanyahu (X@netanyahu) and President Ebrahim Raisi (X@Iran_GOV) Benjamin Netanyahu (X@netanyahu) and President Ebrahim Raisi (X@Iran_GOV)

ईरान (Iran) और इजरायल (Israel) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. ईरान के हमले के बाद दोनों देशों के बीच बड़े युद्ध की आहट सुनाई देने लगी है. दोनों देश के बीच टकराव का पुराना इतिहास है. हालांकि ऐसा नहीं है कि ये दोनों देश हमेशा से एक दूसरे के दुश्मन थे. कभी ऐसा वक्त भी था, जब दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती थी. लेकिन ईरान में ऐसा कुछ हुआ कि इजरायल उनका सबसे बड़ा दुश्मन बन गया. उसके बाद से आज तक दोनों देश एक-दूसरे को खत्म करने पर आमादा हैं.

कैसे थे ईरान और इजरायल के रिश्ते-
ईरान में साल 1925 से साल 1979 तक पहलवी राजवंश का शासन था. साल 1948 में इजरायल की स्थापना हुई तो कोई भी मुस्लिम देश मान्यता देने को तैयार नहीं था. उस दौरान में ईरान इजरायल को मान्यता देने वाला दूसरा मुस्लिम देश था. इससे पहले तुर्की (Turkey) ने इजरायल को मान्यता दी थी. दोनों देशों के रिश्ते इतने मधुर थे कि इजरायल में तेहरान में दूतावास भी खोला था. 1970 के दशक में दोनों देशों में एक-दूसरे के राजदूत भी थे. एक-दूसरे के साथ व्यापारिक रिश्ते भी थे. ईरान ने इजरायल और वहां से यूरोप तक तेल पहुंचाने के लिए पाइपलाइन भी बनाई थी. दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी था.

कैसे बिगड़े दोनों देशों के संबंध-
ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ने लगे. साल 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद शाह पहलवी की सत्ता को उखाड़ फेंका गया और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान का जन्म हुआ. अयातुल्लाह खामेनेई (Ayatollah Khomeini) देश के सुप्रीम लीडर बने. खामेनेई ने ईरान में इस्लामिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया. उन्होंने पश्चिमी देशों से संबंध तोड़ दिए. खामेनेई ने इजरायल को छोटा शैतान और अमेरिका को बड़ा शैतान करार दिया.

सम्बंधित ख़बरें

ईरान ने फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायल की कार्रवाई को अत्याचार बताया और इजरायल ने सारे रिश्ते तोड़ लिए. इजरायल के नागरिकों की ईरान की यात्रा पर बैन लगा दिया गया. तेहरान में इजरायली दूतावास को बंद कर दिया गया. उसकी जगह फिलिस्तीनी दूतावास खोल दिया गया. ईरान फिलिस्तीनियों के साथ खड़ा होना लगा. इसके साथ ही उसकी इजरायल से दूरी बढ़ती गई और दोनों देश एक-दूसरे के दुश्मन बन गए.

ये भी पढ़ें: