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Nepal: सीटिंग मिनिस्टर को भेजा जेल, सबसे शक्तिशाली ब्यूरोक्रेट को हटाया... सुशीला कार्की की कहानी जानिए

पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है. सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस हैं. उनको एक सख्त न्यायाधीश माना जाता था. उन्होंने एक सीटिंग मंत्री को अदालत से सीधे जेल भेज दिया था. सुशीला कार्की के पति विमान अपहरण के आरोप में दो साल तक मुंबई की जेल में बिताया था.

Sushila Karki and Durga Prasad Subedi Sushila Karki and Durga Prasad Subedi

 नेपाल में Gen Z के हिंसक आंदोलन के बाद प्रधानमंत्री ओपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. इसके बाद सेना ने कमान अपने हाथों में ले ली. नेपाली एनजीओ की तरफ से सुशीला कार्की के नाम का प्रस्ताव रखा गया था, जिसका काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी समर्थन किया था. पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है. सुशीला कार्की को एक सख्त न्यायाधीश के तौर पर जाना जाता था.

सीटिंग मिनिस्टर को भेजा था जेल-
सुशीला कार्की नेपाल की प्रथम महिला प्रधान न्यायाधीश रही. यह महज संयोग है कि जिस के पी ओली के संवैधानिक परिषद के अध्यक्ष रहते उन्हें सर्वोच्च अदालत का प्रधान न्यायाधीश बनाया गया, उसी ओली के सत्ता से हटने के बाद उनके नाम का प्रस्ताव अंतरिम सरकार के प्रमुख के लिए किया गया है. वो करीब एक साल तक सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस रही, जिस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त बड़े नेताओं के खिलाफ फैसला दिया.

इनमें तत्कालीन सूचना तथा संचार मंत्री जयप्रकाश गुप्ता को मंत्री रहते जेल भेजने की सजा सुनाई थी. यह नेपाल के इतिहास में पहली बार हुआ, जब किसी सीटिंग मिनिस्टर को अदालत के कठघरे से सीधे जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया. इसके अलावा उन्होंने एंटी कार्पशन ब्यूरो के चीफ लोकमान सिंह कार्की को पद से हटाने का भी फैसला किया था, जिसके बाद उन्हें देश छोड़ कर कनाडा जाना पड़ा.

कोइराला फैमिली की करीबी-
नेपाल के विराटनगर में जन्मी सुशीला कार्की का परिवार शुरू से ही नेपाली कांग्रेस के संस्थापक नेता वी पी कोइराला के करीब था. सुशीला कार्की के पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे. लेकिन सुशीला ने वह नहीं माना. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में मास्टर्स करने वाली सुशीला की शादी भी वहीं अध्ययनरत दुर्गा प्रसाद सुवेदी से हुई, जो वीपी के करीबी और नेपाली कांग्रेस के युवा नेता थे.

बनारस से लौटने के बाद उन्होंने काठमांडू के त्रिभुवन विश्वविद्यालय से कानून की पढाई की और न्याय क्षेत्र में सक्रिय रही. पहले वो कई कालेजों में लेक्चरर के रूप में काम किया. अपने वकालत के दिनों में वो विराटनगर बार एसोशिएशन की अध्यक्ष भी रही.

कार्की के खिलाफ लाया गया था महाभियोग-
नेपाल की संसद में एक बार सुशीला कार्की के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव भी लाया गया था. जिसके बाद कुछ दिनों तक उन्हें अपने पद से निलंबित रहना पड़ा. बाद में कोर्ट ने उनके निलंबन को खारिज करते हुए उन्हें दुबारा प्रधान न्यायाधीश के रूप में काम करने के लिए फैसला सुनाया. नेपाली कांग्रेस के समर्थन से बनी प्रचण्ड की सरकार ने व्यवस्थापिका और कार्यपालिका के काम में उनके बढ़ते हस्तक्षेप से नाराज होकर महाभियोग प्रस्ताव लाया था. हालांकि उस समय वह प्रस्ताव पर चर्चा भी नहीं हो पाई. लेकिन संवैधानिक प्रावधान की वजह से उन्हें निलंबित होना पड़ा. सुशीला कार्की के कारण सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के उस नियम को बदल दिया, जिसमें महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के साथ ही प्रधान न्यायाधीश को निलंबित किए जाने के प्रावधान को बदल दिया था.

सुशीला के पति ने हाईजैक किया था विमान-
सुशीला कार्की के पति को लेकर एक दिलचस्प घटना भी जुड़ी हुई है. उनके पति दुर्गा सुवेदी नेपाल में हुए एक विमान अपहरण कांड में जुड़े हुए हैं. दरअसल नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा कोइराला ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मिल कर एक विमान का अपहरण किया था. उस विमान अपहरण में गिरिजा कोइराला के प्रमुख सहयोगी थे दुर्गा सुवेदी.

10 जून 1973 को नेपाल के विराटनगर से विमान अपहरण किया गया. जिसे बिहार के फारबिसगंज में उतारा गया था. दरअसल इस विमान में विराटनगर के बैंकों से लाए गए पैसे थे, जिसे काठमांडू ले जाना था. उस समय नेपाल की सत्ता पर राजा महेंद्र काबिज थे और नेपाली कांग्रेस उनके खिलाफ आंदोलन कर रही थी. राजा महेंद्र के पंचायती शासन व्यवस्था के विरोध में बहुदलीय व्यवस्था की मांग करते हुए कांग्रेस सशस्त्र विद्रोह करने की तैयारी में थी और इसके लिए पैसों की जरूरत थी. जिसके लिए विमान अपहरण किया गया.

नेपाली कांग्रेस के युवा नेता थे दुर्गा सुवेदी-
सुशीला कार्की के पति नेपाली कांग्रेस के युवा नेता थे और उस समय जेल से रिहा होकर गिरिजा कोइराला के साथ मिलकर विमान अपहरण की योजना बनाई थी. इस विमान में बॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री माला सिन्हा सहित 19 यात्री सवार थे. विमान अपहरण के बाद इसमें रहे पैसा को गाड़ी से दार्जिलिंग पहुंचाया गया. इस विमान में करीब 30 लाख रुपए थे. बाद में दुर्गा सुवेदी सहित सभी अपहरणकर्ताओं को मुंबई से गिरफ्तार किया गया और इमरजेंसी के समय 1975 में उन्हें रिहा कर दिया गया.

(पंकज दास की रिपोर्ट)

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