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कार खरीदने से भी ज्यादा महंगा पड़ रहा है गाड़ी पार्क करना, शहरों में पार्किंग स्पेस की कीमतें करोड़ों में    

लोगों के लिए गाड़ी खरीदने से भी ज्यादा मुश्किल पार्किंग स्पॉट ढूंढना हो रहा है. इसके लिए लोगों को करोड़ो रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. न्यूयॉर्क में पार्किंग स्पेस का मालिक होने के लिए आपको 2 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे.

पार्किंग स्पेस (प्रतीकात्मक तस्वीर) पार्किंग स्पेस (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • कई सेलेब्रिटी करते हैं ऐसे पार्किंग स्पेस का इस्तेमाल 

  • कोविड-19 में मुश्किल हो गए हालात 

बड़े शहरों में खुद की गाड़ी खरीदने से भी ज्यादा मुश्किल होता है वहां पार्किंग स्पॉट ढूंढना. ये केवल भारत का ही हाल नहीं है बल्कि दुनिया के सबसे बड़े से बड़े महानगरों में पार्किंग ढूंढना अक्सर एक चुनौती ही होती है. हालांकि, अगर आपके पास खर्च करने के लिए करोड़ों रुपये हैं, तो हो सकता है कि आपको इसमें थोड़ी कम परेशानी महसूस हो. जी हां, न्यूयॉर्क शहर के सबसे प्रतिष्ठित पतों पर पार्किंग स्पॉट की कीमतें 450,000 डॉलर से 590,000 डॉलर तक होती हैं. हाल ही में 16 मिलियन-अपार्टमेंट से जुड़ा एक पार्किंग स्पॉट 750,000 डॉलर यानि 6 करोड़ 12 लाख रुपये में बेचा गया है. 

करोड़ों रुपये है पार्किंग स्पेस की कीमत

न्यूयॉर्क के ग्रामरकी पार्क के पास, एक पार्किंग स्पेस का मालिक होने के लिए आपको 2 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे. हालांकि, यह कोई नियमित स्थान नहीं है. सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ये जर्मन निर्मित सेल्फ-पार्किंग सिस्टम से लैस है, जो 24 कारों को उठा और हिला सकता है.

कई सेलेब्रिटी करते हैं ऐसे पार्किंग स्पेस का इस्तेमाल 

सिस्टम ऑटोमेटिक रूप से कारों की डिलीवरी भी करता है. मालिकों को केवल आरएफआईडी टैग स्वाइप करने की जरूरत है और उनकी कारों को केवल तीन मिनट से कुछ अधिक समय में ही उनके पास आ जाएगी. इनमें से कई आलीशान प्रॉपर्टी में सेलिब्रिटी रहते हैं, इसलिए ये ऑटोमैटिक पार्किंग उन्हें पूरी तरह से प्राइवेसी देती है. लिस्टिंग एजेंट जूली फाम ने सीएनबीसी को बताया, "उन्हें यह विचार पसंद आया कि आपको एक वैलेट या पार्किंग वाले से कॉन्टैक्ट करने की जरूरत नहीं पड़ती है, या कोई आपके पीछे भी नहीं आ सकता है. ये उन्हें प्राइवेसी देती है. 

कोविड-19 में मुश्किल हो गए हालात 

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल एनवाईसी में कार ओनर में 224 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई क्योंकि कोविड संक्रमण के डर ने नागरिकों ने सबवे छोड़ दिया है. साथ ही वर्क-फ्रॉम-होम की वजह से कई कारों को पार्किंग की जगह से नहीं हटाया गया, जिससे समस्या और गहरी हो गई. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के हवाले से एक हाउसिंग अटॉर्नी कहते हैं कि कोविड-19 में हालात थोड़े और बिगड़ गए थे. लेकिन अब मेरे लिए पार्किंग ढूंढना लगभग असंभव है क्योंकि कोई भी अपनी कार नहीं चला रहा है.