
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइप्रस दौरे का आज यानी 16 जून को दूसरा दिन है. साइप्रस में पीएम मोदी का रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया गया. इसके बाद पीएम मोदी लिमासोल गए. इस दौरान पीएम ने भारतीय समुदाय से मुलाकात की. चलिए आपको साइप्रस के बारे में सबकुछ बताते हैं.
साइप्रस का इतिहास-
साइप्रस एक छोटा सा देश है. पहले इसपर ब्रिटेन का शासन था. लेकिन साल 1960 में ब्रिटेन से आजादी मिली. इसके बाद बहुसंख्यक ग्रीक और अल्पसंख्यक तुर्की समुदायों के बीच दूरियां बढ़ने लगी. इसके बाद दोनों समुदायों में लड़ाई छिड़ गई. यूएन ने कोकिना में शांति बनाए रखने के लिए स्पेशल फोर्स तैनात कर दी.
साल 1974 में साइप्रस में सेना ने तख्तापलट कर दिया. उधर, तुर्किये ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से में सेना भेज दी और एक तिहाई इलाके पर कब्जा कर लिया. साल 1975 में साइप्रस दो हिस्सों में बंट गया.
उत्तरी साइप्रस को साल 1983 में तुर्किये ने देश का दर्जा दिया. हालांकि किसी और देश ने मान्यता नहीं दी. उत्तरी साइप्रस की राजधानी लेफकोशा है.
साइप्रस में कितने भारतीय हैं?
साइप्रस की राजधानी निकोसिया है. साइप्रस की आबादी 13 लाख है. इसमें 11500 भारतीय हैं. साल 2015 के आंकड़ों के मुताबिक करीब 4640 लोग हिंदू धर्म का पालन करते हैं. साइप्रस में योग और आयुर्वेद बेहद प्रचलित है.
कहां है साइप्रस?
साइप्रस मिस्र से 300 किलोमीटर दूर है. साइप्रस मेडिटेरेनियन सी पर ग्रीस के पूर्व, लेबनान, सीरिया और इजराइल के पश्चिम, मिस्र के उत्तर और तुर्की के दक्षिण में स्थित एक यूरेशियन द्वीप देश है.
कौन सी मुद्रा?
साइप्रस यूरोपीयन यूनियन का सदस्य देश है. इसकी करेंसी भी यूरो है. साइप्रस का एक यूरो भारत के 99 रुपए 43 पैसे के बराबर है. साइप्रस के 500 यूरो भारत के 49716 रुपए के बराबर है.
साइप्रस के बारे में रोचक तथ्य-
साइप्रस एक छोटा देश है. लेकिन ये अपनी अनोखी चीजों के लिए जाना जाता है. चलिए उसके बारे में बताते है.
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