
सोमालिया पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से गृह युद्ध की आग में झुलस रहा है. इसके कुछ हिस्से अब भी जंग से जूझ रहे हैं, जबकि कुछ हिस्सों में अमन बहाल हो गया है. इन्हीं में से एक हिस्सा है मोगादिशू. सोमालिया की राजधानी मोगादिशू अमन की ओर लौटने के बाद अब विकास की राह पर चल पड़ी है. इस राह पर मोगादिशू की रहनुमाई कर रही हैं वहां की महिला इंजीनियर्स.
जब सोमालिया को पड़ी महिला इंजीनियर्स की ज़रूरत
सोमालिया प्रमुख रूप से एक पुरुष प्रधान देश है. यानि कि यहां पेशेवर फील्ड्स में प्रमुख रूप से पुरुष काम करते हैं. लेकिन जब युद्ध से उभरने के लिए देश को ज्यादा से ज्यादा पेशेवरों की ज़रूरत पड़ी तो महिलाओं को भी मैदान में उतरना पड़ा. बीबीसी की एक रिपोर्ट सोमाली इंजीनियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इब्राहिम आब्दी हेले इस बात से सहमत हैं कि कुशल पेशेवरों की मांग देश को धीरे-धीरे परिवर्तन की ओर ले जा रही है.
वह कहते हैं, "ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर की कई परियोजनाएं चल रही हैं. इनके कारण वर्कलोड में भी इज़ाफ़ा हुआ है. नतीजतन, एसोसिएशन महिलाओं की ज्यादा भागीदारी को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित करती है और इस बात पर ज़ोर देती है कि उनका न केवल स्वागत है, बल्कि वर्कफोर्स में ज़रूरी खाई को भरने में भी उनकी अहम भूमिका है."
पिछले पांच सालों में मोगादिशू की तस्वीर तेज़ी से बदली है. रिपोर्ट मोगादिशु के मेयर के हवाले से बताती है कि पिछले पांच सालों में यहां 6000 से ज्यादा इमारतें बनी हैं.
अपनी ही राख से उठ रहा मोगादिशू
मोगादिशू अपने हिंसक अतीत की राख से उभर रहा है. और इसमें अहम भूमिका निभा रही हैं फातिह मोहम्मद आब्दी और सादिया अहमद उमर जैसी महिलाएं. ये दोनों युवा महिला इंजीनियर शहर के होदान जिले के तालेह में 10-मंजिल वाले अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के निर्माण की देखरेख कर रही हैं. सोमालिया की कुल इंजीनियर आबादी में भले ही इस समय सिर्फ पांच प्रतिशत महिलाएं हैं, लेकिन आब्दी और उमर जैसी महिलाओं ने बदलाव शुरू कर दिया है.
अपनी कंस्ट्रक्शन हैट पहनकर ये महिलाएं निर्माण सामग्री के बीच से अपना रास्ता बना रही हैं और श्रमिकों की एक टीम की अगुवाई भी कर रही हैं. सोमालिया की निर्माण कंपनी अर्कान इंजीनियरिंग सर्विसेज की मुख्य परिचालन अधिकारी आब्दी कहती हैं, "जब मैंने काम शुरू किया, तो लोगों को मुझ पर शक था. वे पूछते थे, 'हम एक महिला के बनाए गए घर पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? मैं अपने पैसे को एक महिला इंजीनियर के भरोसे कैसे छोड़ सकता हूं?"
आब्दी और उनकी साथी उमर पिछले पांच सालों से इंजीनियर के तौर पर काम कर रही हैं. उमर कहती हैं, "मोगादिशू को हमारी जरूरत है. जब मैं छोटी थी, तो यह शहर अराजकता में डूबा हुआ था. अब हम इसे दोबारा बना रहे हैं." एसोसिएशन का मानना है कि इंजीनियरिंग में महिलाओं को सशक्त बनाने से न सिर्फ बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि इस इंडस्ट्री को नए आइडिया और समाधान भी मिलेंगे.