
भारतीय यात्रियों के लिए यूरोप हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहा है. चाहे बात हो रोम की ऐतिहासिक धरोहरों की, पेरिस की रोमांटिक गलियों की, स्विट्जरलैंड की बर्फीली वादियों की या जर्मनी की तकनीकी प्रगति की. ऐसे में शेंगेन वीजा एक ऐसा दरवाजा है, जो 29 देशों को एक साथ सुलभ बना देता है. यह सिर्फ एक दस्तावेज नहीं, बल्कि अनुभवों का पासपोर्ट है.
एक वीजा पर कर सकते हैं कई देशों की यात्रा
शेंगेन वीजा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एक ही वीजा से आप यूरोप के 29 देशों की यात्रा कर सकते हैं. यदि यह सुविधा न हो तो हर देश के लिए अलग-अलग आवेदन करना पड़ता, जो न सिर्फ महंगा बल्कि समय लेने वाला भी होता है. उदाहरण के लिए, यदि कोई यात्री भारत से इटली जाता है और फिर फ्रांस, जर्मनी व स्विट्जरलैंड देखना चाहता है, तो केवल एक शेंगेन वीजा ही पर्याप्त है.
इस सुविधा से यात्रा की योजना बनाना आसान हो जाता है.. फ्लाइट और ट्रेन टिकट बुकिंग आसान हो जाती है और यात्री कई देशों को एक ही सफर में कवर कर पाते हैं.
न प्लान बदलने की टेंशन न नए वीजा की
यदि आपने शुरुआत में केवल पेरिस और ज़्यूरिख का प्लान बनाया है, लेकिन अचानक तय किया कि एम्स्टर्डम या प्राग भी देखना है, तो इसके लिए नया वीजा लेने की जरूरत नहीं. आप अपने यात्रा दिनों को बढ़ा सकते हैं, ट्रेन या बस से देश बदल सकते हैं, और अपनी पसंद के अनुसार अनगिनत अनुभव जोड़ सकते हैं. इस वीजा के जरिए यूरोप की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों तक पहुंच आसान हो जाती है. यूरोप की पहचान उसकी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों से है. शेंगेन वीजा से यात्रियों को इस खजाने तक सीधी पहुंच मिलती है.
इटली: रोम का कोलोसियम, वेटिकन सिटी और फ्लोरेंस की कला गैलरियां.
फ्रांस: पेरिस का एफिल टॉवर, लौवर म्यूज़ियम और वर्साय पैलेस.
जर्मनी: बर्लिन वॉल, नॉयश्वानस्टीन कैसल और म्यूनिख का ओक्टोबरफेस्ट.
स्पेन: बार्सिलोना की गाउडी आर्किटेक्चर और मैड्रिड का रॉयल पैलेस.
स्विट्जरलैंड: बर्फीली आल्प्स, ज्यूरिख झील और इंटरलाकेन की प्राकृतिक सुंदरता.
कैसे होती है शेंगेन वीजा से बचत?
अक्सर यात्री वीजा फीस को लेकर शिकायत करते हैं, लेकिन पूरे यूरोप ट्रिप के खर्च की शेंगेन वीजा से तुलना करें तो यह रकम बेहद मामूली है. मान लीजिए यदि कोई यात्री स्विट्जरलैंड की पांच दिन की यात्रा करता है, तो प्रति व्यक्ति कुल खर्च लगभग 2.15 से 2.40 लाख रुपये आता है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा हवाई यात्रा, होटल और भोजन पर खर्च होता है. इसमें 11790 रुपए वीजा फीस के होते हैं. इसके मुकाबले, शेंगेन वीजा शुल्क 9,100 ही होता है. ऐसे ही अगर आप यूरोप के अलग अलग देशों के लिए अलग अलग वीजा लेते हैं तो उसके लिए आपको कहीं ज़्यादा भुगतान करना पड़ता है.
कई दूसरे देश भी ऐसे वीजा की तैयारी में
2019 में कोविड महामारी से पहले यूरोप ने 713 मिलियन अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का स्वागत किया, जिनमें से अधिकांश शेंगेन क्षेत्र के भीतर से आए. एकीकृत वीजा प्रणाली ने यूरोप की 1.2 ट्रिलियन डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था की नींव रखी. भारतीयों के लिए इस वीजा के कई फायदे हैं. इस एक ही वीजा के जरिए भारतीय इटली की कला, फ्रांस की संस्कृति, स्विट्ज़रलैंड की आल्प्स, जर्मनी के प्राकृतिक नज़ारे और नीदरलैंड्स के आकर्षक टाउन की यात्रा एक ही वीजा से संभव हो जाती है. शेंगेन मॉडल की सफलता को देखते हुए, अब दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य–पूर्व और अफ्रीका के कुछ क्षेत्र भी इसी तरह के साझा वीजा सिस्टम पर काम कर रहे हैं. यदि ये योजनाएं सफल होती हैं, तो एक वीज़ा से थाईलैंड, मलेशिया, यूएई और जिम्बाब्वे जैसे देशों की संयुक्त यात्रा संभव होगी.