
बीजिंग में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग-उन की मुलाकात ने दुनिया भर की सुर्खियाँ बटोरीं. लेकिन इस हाई-प्रोफाइल बैठक के बाद जो नजारा कैमरे में कैद हुआ, उसने सबको हैरान कर दिया.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में किम जोंग-उन के स्टाफ को उनकी कुर्सी, टेबल और यहां तक कि ग्लास तक को तुरंत पोंछते और समेटते हुए देखा गया.
हर जगह मिटाए गए 'निशान'
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट की मानें, तो वीडियो में साफ दिखता है कि किम के जाते ही उनके स्टाफ ने कुर्सी के लकड़ी वाले हिस्से को कपड़े से अच्छे से साफ किया. सिर्फ यही नहीं, टेबल को भी चमकाया गया और वह ग्लास जिसमें किम ने पानी पिया था, उसे ट्रे में रखकर तुरंत हटा दिया गया.
रूसी पत्रकार अलेक्ज़ेंडर यूनाशेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा कि स्टाफ का मकसद था, “किम के मौजूदगी के हर सबूत को मिटाना.” यानी कोई डीएनए, कोई उंगली के निशान, कुछ भी पीछे न रह जाए.
क्या डीएनए चोरी का डर है?
ये कोई पहली बार नहीं हुआ है. 2023 में जब किम रूस के स्पेसपोर्ट पहुंचे थे, तब भी उनके सुरक्षा अधिकारियों ने कुर्सी को बाकायदा सैनिटाइज किया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सब इसलिए किया जाता है ताकि कोई विदेशी एजेंसी किम जोंग-उन का डीएनए सैंपल लेकर उनके स्वास्थ्य की गुप्त जानकारी हासिल न कर सके.
दक्षिण कोरियाई इंटेलिजेंस का कहना है, “सुप्रीम लीडर की सेहत का सीधा असर नॉर्थ कोरियाई शासन पर पड़ता है. इसी वजह से बाल, पसीना, यहां तक कि मलमूत्र तक को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाता है.”
प्राइवेट टॉयलेट साथ लाए किम!
जी हां, यह सुनकर भले ही अजीब लगे लेकिन किम जोंग-उन अपनी हर विदेश यात्रा में एक प्राइवेट पोर्टेबल टॉयलेट लेकर चलते हैं.
खबरों के मुताबिक, बीजिंग तक पहुंचने वाली उनकी हरी रंग की बख़्तरबंद ट्रेन में एक गुप्त शौचालय लगाया गया था. ताकि कहीं भी रुकना पड़े तो वह सिर्फ उसी का इस्तेमाल करें और कोई भी उनके वेस्ट तक पहुंच न पाए.
पुतिन भी अपनाते हैं यही तरीका
अगर आपको लगता है कि यह सिर्फ किम का अजीब शौक है तो रुक जाइए. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी यही तरीका अपनाते हैं.
2017 से ही उनके बॉडीगार्ड्स उनकी विदेश यात्राओं के दौरान उनका यूरिन और स्टूल सील्ड बैग्स में इकट्ठा कर वापस रूस ले जाते हैं. ताकि कोई भी दुश्मन देश उनके स्वास्थ्य रहस्यों को जानकर फायदा न उठा सके.
क्या सिर्फ सुरक्षा का मामला है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस हद तक जाने के पीछे दो वजह हो सकती हैं:
मुलाकात का खास मायने
किम और पुतिन की यह मुलाकात बीजिंग में आयोजित भव्य मिलिट्री परेड के बाद हुई, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे.
यह मीटिंग सिर्फ औपचारिक नहीं थी. 2024 में साइन हुए म्यूचुअल डिफेंस पैक्ट के बाद रूस और नॉर्थ कोरिया की नजदीकी बढ़ी है. पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बीच ये दोनों देश अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत साझेदारी कर रहे हैं.
आखिर लोग क्यों हैरान हैं?
दुनिया भर के सोशल मीडिया यूज़र्स का कहना है, “इतनी सफाई तो हम अपने घर में भी नहीं करते!” कुछ लोग मजाक में लिख रहे हैं कि किम जोंग-उन के स्टाफ अगर इंडिया में होते तो सफाई मिशन के लिए उन्हें ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का ब्रांड एंबेसडर बना दिया जाता.
यह साफ है कि किम जोंग-उन और पुतिन जैसे नेताओं की “डीएनए सुरक्षा” महज़ शौक नहीं बल्कि उनकी स्ट्रैटेजिक सोच का हिस्सा है.
कुर्सी पोंछना, ग्लास हटाना और प्राइवेट टॉयलेट ले जाना भले ही अजीब लगे, लेकिन यह बताता है कि पावर के साथ कितना बड़ा डर और खतरा भी जुड़ा होता है.