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Sleep Deprivation: क्या होता है जब इंसान को 6 घंटे की नींद भी नसीब नहीं हो पाती है?

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2025,
  • Updated 8:41 AM IST
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कम नींद आपकी जजमेंट एबिलिटी को खराब कर देती है. व्यक्ति अपने काम में जल्दी गलत निर्णय लेने लगता है. और जल्दबाज़ी में लिए गए गलत फैसले काम को प्रभावित करते हैं.

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नींद दिल को आराम और रिकवरी का मौका देती है. जब नींद कम होती है, तो शरीर में तनाव हार्मोन बढ़ जाता है और इससे हाई बीपी का खतरा बढ़ता है. इससे  हार्ट अटैक और स्ट्रोक का रिस्क भी बढ़ता है.

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जब नींद कम होती है, तो शरीर किसी भी बीमारी से लड़ने वाले इम्यून सेल कम बनाता है. इसका मतलब है कि आपको सर्दी-जुकाम, बुखार या इंफेक्शन जल्दी हो सकते हैं. और वह ठीक होने में भी काफी समय ले सकते है. 

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जब नींद पूरी नहीं होती, तो शरीर अपनी मांसपेशियों और कोशिकाओं को सही तरह रिपेयर नहीं कर पाता. इसका नतीजा यह होता है कि सुबह उठते ही थकान महसूस होती है, और दिनभर शरीर सुस्ती महसूस करता है. काम करने की क्षमता काफी कम हो जाती है.

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कम नींद होने पर दिमाग का फोकस कम हो जाता है. ऐसे में पढ़ते समय, ऑफिस के काम में या किसी निर्णय में ध्यान भटकता रहता है. साथ ही रिएक्शन टाइम भी स्लो हो जाता है.

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नींद दिमाग के भावनात्मक हिस्से को नियंत्रित करती है. जब आप पर्याप्त नहीं सोते, तो तनाव जल्दी बढ़ता है, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता है, और मूड अचानक बदलने लगता है. खुश रहने की क्षमता भी घटती है.

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नींद के दौरान दिमाग दिनभर की जानकारी को व्यवस्थित करता है. कम नींद होने पर ब्रेन मेमोरी को ठीक से स्टोर और प्रोसेस नहीं कर पाता. इससे सीखने की शक्ति कम हो जाती है और पहले सीखी बातें भी भूलने लगती हैं.