अमृता- यार कोमल, तेरा दिमाग बहुत तेज चलता है
कोमल- हां, क्योंकि मैं दिमाग का इस्तेमाल करती हूं…
तेरी तरह सिर्फ रखती नहीं हूं.
अमृता- चल चाय पीते हैं
कोमल- हां, वैसे भी तेरी बातें सुनकर सिर दर्द होने लगा था.
कोमल- यार, चाकू का धार काम नहीं कर रहा
अमृता- अपनी जवान से छू कर देखो.
शायद चाकू तलवार बन जाए.
अमृता- कोमल 500 रुपए देदो.
कोमल- मेरे पास खुद जहर खाने के पैसे नहीं हैं
अमृता- लो खीर लो
कोमल- खाने के बाद. I'm sorry यार. यह ले पांच सो रुपए
अमृता- यह सब छोड़ जल्दी अस्पताल चल
कोमल- क्यों
अमृता- तूने ही कहा था कि जहर खाने के पैसे नहीं हैं
तो मैंने खीर में मिला दिया था.
कोमल- हमें हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए
अमृता- तो लाओ 500 रुपए
कोमल- पागल दूसरों की करनी चाहिए पर तू तो मेरी अपनी है.
अमृता- हमारी दोस्ती कुछ ज्यादा पुरानी हो गई है.
कोमल- क्यों
अमृता- क्योंकि तुम मेरी मां बनते जा रही
कोमल- और तुम मेरी सासु मां.