सास गुस्से मेंः बहु हर बात में जनाब क्यों देती हो?
बहू: सासू मां, आप ने तो कहा था कि
घर की हर बात में हिस्सा लेना चाहिए.
सासः बहू तुम्हें खाना बनाना नहीं आता
बहू: नहीं मांजी...
सास: पहले बताया क्यों नहीं
बहू: सरप्राइज...
सासः बहू तुम ऐसे मुंह फुलाकर क्यों रहती है...
तेरी जेठानी है... न ननद है, न देवरानी है... खुश रहा कर.
बहू मन में: तु है तो... मुझे फिर और क्या चाहिए...
सासः क्या बहू क्या सोच रही है?
बहू: नहीं मम्मी जी कुछ नहीं.
सास चाय पीते हुए: अरे बहू यह कैसी चाय बनाई है....
पीते ही तन बदन झनझना उठा..
ऐसा लग रहा है नागिन घुसी हो शरीर में
बहु (मासूमियत) से: मम्मी जी लेकिन... दूध तो भैंस का था,
नागिन कैसे जाग गई आपके अन्दर की.
सास बहू सेः जब मैं प्रेग्नेंट थी, तब मैंने जो कुछ खाया-पिया,
आज बेटे को वहीं चीजें बेहद पसंद है.
बहू: मांजी, जो भी हो, लेकिन
आपको दारू तो नहीं पीनी चाहिए थी.