Happy Birthday Kiran Bedi: कभी कॉलेज में बतौर लेक्चरर शुरू किया था करियर और फिर बनी देश की पहली महिला IPS अफसर

देश की सबसे पहली महिला पुलिस अफसर किरण बेदी आज अपना 72वां जन्मदिन मना रही हैं. इस उम्र में भी देश की सेवा करने का उनका जज़्बा कम नहीं हुआ है.

Dr. Kiran Bedi (Photo: Twitter/Wikipedia)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 09 जून 2022,
  • अपडेटेड 12:29 PM IST
  • किरण बेदी का जन्म अमृतसर के एक व्यवसायी परिवार में हुआ था
  • 16 जुलाई 1972 को, किरण ने मसूरी में राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में अपना पुलिस प्रशिक्षण शुरू किया

किरण बेदी का नाम सुनते ही मन जोश और ऊर्जा से भर जाता है. 9 जून 1949 को जन्मी किरण बेदी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी और टेनिस खिलाड़ी हैं. वह भारतीय पुलिस सेवा में अधिकारी बनने वाली पहली भारतीय महिला हैं और उन्होंने 1972 में अपनी सर्विस शुरू की थी. साल 2007 में पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने से पहले 35 वर्षों तक सेवा में रहीं. 

किरण बेदी ने देश की बेटियों को पुलिस फोर्स जॉइन करने का न सिर्फ हौसला दिया बल्कि उनका करियर आज के युवाओं के लिए प्रेरणा है. खासकर कि अपने पुलिस करियर में किरण बेदी ने कई कीर्तिमान स्थापित किए. और अब अपने सामाजिक कार्यों से लोगों की भलाई कर रही हैं. आज उनके जन्मदिन के मौके पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें. 

Kiran Bedi (Photo: Twitter/@KumarRa18923192)

बचपन से ही किया रूढ़ीवादी सोच का विरोध

किरण बेदी का जन्म अमृतसर के एक व्यवसायी परिवार में हुआ था. उनके पिता ने किरण और उनकी बहनों को अच्छी से अच्छी शिक्षा दी. यहां तक कि वह किरण को अपने साथ टेनिस भी खिलाते थे. इसी कार किरण बेदी एक बेहतरीन टेनिस प्लेयर भी रही हैं. बचपन से ही किरण ने रूढ़ीवादी सोच को नकारा है. 

दूसरी लड़कियों की तरह उन्होंने कभी भी अपने बाल लंबे नहीं रखे बल्कि छोटे बाल रखे. उनकी ड्रेसिंग भी हमेशा उनके मन-मुताबिक रही. बताया जाता है कि जिस स्कूल में वह पढ़ती थी वहां कक्षा 9 में विज्ञान की जगह लड़कियों को होम साइंस पढ़ाई जाती थी ताकि वे अच्छी हाउस वाइफ बन सकें. लेकिन किरण को कुछ अलग करना था और इसलिए उन्होंने अपना स्कूल ही बदल लिया और साइंस से पढ़ाई की. 

किरण बेदी टेनिस चैंपियन भी रह चुकी हैं. उन्होंने 1972 में आयोजित एशियाई लॉन टेनिस चैम्पियनशिप, अखिल भारतीय अंतरराज्यीय महिला लॉन टेनिस चैम्पियनशिप और कई अन्य क्षेत्रीय और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट जीते हैं. 

बनी देश की पहली महिला IPS अफसर 

बताया जाता है कि किरण बेदी ने अपना करियर अमृतसर के एक कॉलेज में बतौर पॉलिटिकल साइंस लेक्चरर शुरू किया था. लेकिन उनके सपने कुछ और थे. वह लगातार अमृतसर के सर्विस क्लब जाती थीं और यहां उनकी बातचीत अलग-अलग अफसरों से होती थी. जिनसे उन्हें पुलिस सर्विस जॉइन करने की प्रेरणा मिली. 

16 जुलाई 1972 को, किरण ने मसूरी में राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में अपना पुलिस प्रशिक्षण शुरू किया. 80 पुरुषों के बैच में वह अकेली महिला थीं, और फिर पहली महिला आईपीएस अधिकारी बनीं. 6 महीने के फाउंडेशन कोर्स के बाद, उन्होंने राजस्थान के माउंट आबू में और 9 महीने का पुलिस प्रशिक्षण लिया, और 1974 में पंजाब पुलिस के साथ आगे का प्रशिक्षण लिया. 

सबके लिए प्रेरणा है उनका करियर 

साल 1975 में उन्हें चाणक्यपुरी, दिल्ली में पोस्टिंग मिली. 1975 में ही वह गणतंत्र दिवस परेड में दिल्ली पुलिस के सभी पुरुष दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बनीं. उन्होंने अपने कार्यकाल में बहुत से ऐसे काम किए जिन्हें करने के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता है. बताया जाता है कि 15 नवंबर 1978 को, निरंकारी और अकालियों के बीच हिंसा हो गई. 

Leading all man force (Photo: Twitter/@KumarRa18923192)

इसे रोकने के लिए किरण बेदी ने अपनी टीम के साथ जी जान लगा दी. बिना कोई आंसू गैस छोड़े किरण बेदी ने सिर्फ अपने डंडे के दम पर प्रदर्शनकारियों को रोका. इस कार्रवाई के लिए, अक्टूबर 1980 में उनको वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (1979) से सम्मानित किया गया. इसके बाद पश्चिमी दिल्ली में उन्होंने महिलाओं के प्रति अपराधों को बहुत कम किया. 

इसके बाद उन्हें ट्रैफिक विभाग दिया गया. यहां भी लोगों को सुधारने के लिए उन्होंने अलग तरह से काम किया. गलत पार्किंग करने पर वह क्रेन से गाड़ियों को उठवा लेती थीं. इसलिए उन्हें क्रेन बेदी भी कहा जाने लगा. उन्होंने अपनी टीम में कॉन्सटेबल से लेकर दूसरे जुनियर अफसर तक, सभी को साथ में लेकर काम किया. इसलिए जब उनके सब-इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गाड़ी को गलत पार्किंग के लिए उठवाया तो किरण ने उनका पूरा सपोर्ट किया. 

लगातार कर रही हैं सामाजिक कार्य

उत्तरी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त के रूप में, उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ एक अभियान शुरू किया, जिसे नवज्योति दिल्ली पुलिस फाउंडेशन (2007 में नवज्योति इंडिया फाउंडेशन हो गया) नाम दिया गया. मई 1993 में, किरण को दिल्ली कारागार में महानिरीक्षक (IG) के रूप में तैनात किया गया था.

उन्होंने तिहाड़ जेल में कई सुधार किए, जिसकी दुनिया भर में तारीफ हुई और 1994 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार जीता. 2003 में, वह संयुक्त राष्ट्र विभाग में संयुक्त राष्ट्र पुलिस और पुलिस सलाहकार की प्रमुख नियुक्त होने वाली पहली भारतीय और पहली महिला बनीं. हालांकि, सामाजिक सक्रियता और लेखन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्होंने 2007 में इस्तीफा दे दिया.

Kiran Bedi leading a rally (Photo: Wikipedia)

उन्होंने कई किताबें लिखी हैं और इंडिया विजन फाउंडेशन चलाती हैं. साल 2011 के वह भारतीय भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थीं, और जनवरी 2015 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं. उन्होंने 28 मई, 2016 से 16 फरवरी, 2021 तक पुडुचेरी के 24वें उपराज्यपाल के रूप में कार्य किया है. किरण बेदी के नाम से कई विवाद भी जुड़े लेकिन युवाओं को उनसे सच्चाई, ईमानदारी और कर्मठता के साथ अपनी ड्यूटी करने का हुनर सीखना चाहिए.

 

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