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International Women's Day: परिवार की जिम्मेदारियों के बीच घर से शुरू किया अपना Handbag Business, आज एक करोड़ रुपए तक पहुंचा टर्नओवर

ऋतू ने अपने मन में कभी अपने सपनों को नहीं मरने दिया. वह हर दिन सोचती थीं कि एक न एक दिन वह अपनी पहचान बनाएंगी. अपने पैसे कमाएंगी. और उनके मन की सकारात्मकता ने उनका साथ दिया. इसलिए ही अपनी शादी के लगभग 15-16 साल बाद ऋतू ने एक बार फिर हाथों में किताबें थामी. 

Ritu Kaushik (Photo Credits: Ritu Kaushik) Ritu Kaushik (Photo Credits: Ritu Kaushik)
हाइलाइट्स
  • 16 साल की उम्र में हुई थी शादी

  • पति और बच्चों से मिला आगे पढ़ने और बढ़ने का हौसला

  • अपने घर से चला रही हैं लाखों का बिज़नेस

कौन कहता है कि आसमान में छेद नहीं हो सकता, आप एक पत्थर तबियत से उछालो तो सही. यह कहावत दिल्ली के नज़फगढ़ में रहने वाली 39 वर्षीया ऋतू कौशिक पर एकदम सटीक बैठती है. मात्र 16 साल की उम्र में शादी, घर का काम और परिवार की जिम्मेदारी के बीच भी, ऋतू ने अपनी एक अलग पहचान बनाई. कुछ साल पहले तक वह सिर्फ एक हाउसवाइफ (Housewife) थीं और आज एक सफल बिज़नेस वुमन (Successful Business Woman) हैं. 

द गुड न्यूज़ टुडे से बात करते हुए ऋतू ने बताया कि 12वीं तक की पढ़ाई के बाद उनकी शादी कर दी गयी थी. उनके मायके और ससुराल, दोनों जगह संयुक्त परिवार है और घर-परिवार की जिम्मेदारियों में उन्हें कभी अपने सपनों के बारे में सोचने का मौका नहीं मिला. लेकिन कहते हैं न कि जब तक आप खुद हार न मान लो तब तक आपको कोई नहीं हरा सकता. 

International Women's Day 2022 के मौके पर जानिए एक गृहिणी की सफल बिज़नेस वुमन बनने की कहानी.  

पति और बच्चों ने बढ़ाया हौसला: 

ऋतू ने अपने मन में कभी अपने सपनों को नहीं मरने दिया. वह हर दिन सोचती थीं कि एक न एक दिन वह अपनी पहचान बनाएंगी. अपने पैसे कमाएंगी. और उनके मन की सकारात्मकता ने उनका साथ दिया. इसलिए ही अपनी शादी के लगभग 15-16 साल बाद ऋतू ने एक बार फिर हाथों में किताबें थामी. 

उनके पति सतपाल कौशिक ने उनका पूरा साथ दिया और उनका दाखिला ग्रेजुएशन में करा दिया. उन्होंने बताया, “जब मैंने ग्रैजुएशन में दाखिला लिया तब मेरा बेटा 12वीं में था. शादी के लगभग 16 साल बाद मुझे फिर से पढ़ने का मौका मिला.” उनके पति और बच्चों ने उन्हें हर तरह से सपोर्ट किया.

हालांकि लोगों ने उन्हें खूब ताने दिए और उनका मजाक बनाया. ऋतू कहती हैं कि उस समय लोगों की बातें चुभती जरूर थी लेकिन उनकी बातों से ज्यादा जरुरी उनका सपना था. वह हमेशा से पढ़ना चाहती थीं, इसलिए जब यह मौका मिला तो उन्होंने इसके बीच किसी की बातों को नहीं आने दिया. 

बचपन के शौक को बनाया व्यवसाय: 

ऋतू का कहना है कि उनके घर में किसी चीज की कमी नहीं थी. लेकिन वह अपनी पहचान बनाने के लिए काम करना चाहती थीं. उन्होंने आगे कहा कि नौकरी करने से ज्यादा उन्होंने अपना कोई काम करने के बारे में सोचा. और इसी बीच उन्हें अपने बच्चों से Flipkart जैसे ई- कॉमर्स (E-commerce) प्लेटफार्म के बारे में पता चला.

और उन्होंने अपने बचपन के शौक को अपना व्यवसाय बनाने की ठानी. दरअसल ऋतू को हमेशा से अलग-अलग तरह के डिज़ाइनर बैग्स बहुत पसंद रहे हैं. उन्हें दिल्ली और आसपास के इलाकों में बैग्स की अच्छी मार्किट की जानकारी भी है. 

शुरुआत उन्होंने अपने घर में ही मात्र 10 हजार रुपए के निवेश के साथ बिज़नेस (Handbag Business) शुरू किया. वह अलग-अलग मार्किट गयी और वहां से अलग-अलग हैंडबैग के सैंपल लेकर आई। इसके बाद, एक-दो मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से संपर्क किया और साल 2016 में उन्होंने अपना ‘ऋतुपाल कलेक्शन’ (Ritupal Collection) शुरू किया.

Ritu Goes Online (Photo: IMDb)

हर रोज सीखकर बढ़ीं आगे:

ऋतू ने जब बिज़नेस शुरू किया, उन्हें ज्यादा कुछ नहीं पता था. लेकिन हर मुश्किल का सामना करके वह आगे बढ़ीं. लगभग छह-सात महीने की मेहनत के बाद ऋतू के ऑर्डर बढ़ने लगे और इसके बाद तो उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

वह हमेशा सुबह चार बजे उठकर सबसे पहले घर का काम निपटा लेती हैं. इसके बाद सुबह 10 बजे से लेकर शाम के छह बजे तक आराम से अपना बिज़नेस संभालती है. प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता के कारण ही वह कई बार फ्लिपकार्ट की टॉप सेलर बनी है.

आज उनका टर्नओवर एक करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. उन्होंने तीन लोगों को रोजगार भी दिया हुआ है. ऋतू को अपनी सफलता के लिए कई जगह सम्मानित किया जा चुका है. उनकी सफलता की कहानी को फ्लिपकार्ट ने अपने प्लेटफार्म पर प्रोमोट भी किया ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को हौसला मिले. और उनकी कहानी पर एक डॉक्यूमेंट्री- Ritu Goes Online भी बनी है.  

ऋतू आज हर महिला को यही सलाह देती हैं कि कभी अपने सपनों को मरने मत दो. उन पर मेहनत कीजिये और खासकर महिलाओं को अपने लिए थोड़ा-बहुत समय निकालकर अपने सपनों पर काम करना चाहिए.