
 share market  
 share market  अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा कि शेयर बाजार इतने अंक पर खुला, इतने अंक लुढ़का या इतने पर बंद हुआ. क्या आपने सोचा है इसका मतलब क्या होता है. सेंसेक्स-निफ्टी को लेकर आपके मन में भी कई सवाल उठते होंगे. आम जनता के लिए इन्हें समझना थोड़ा मुश्किल होता है. आइए आज आपको शेयर मार्केट से जुड़े इन सभी शब्दों का मतलब बताएंगे और ये भी बताएंगे कि आखिर मार्केट काम कैसे करता है.
सेंसेक्स और निफ्टी क्या है
सेंसेक्स और निफ्टी स्टॉक मार्केट इंडेक्स है. सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का इंडेक्स है, और निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का इंडेक्स है. आप इसे एक तरह का एग्जिट पोल कह सकते हैं, जो यह तय करता है कि शेयर मार्केट कहां जा रहा है. सेंसेक्स में 30 कंपनियां हैं और निफ्टी में 50 कंपनियां है.
30 कंपनियां मिलकर तय करती हैं मार्केट का हाल
इंडेक्स में हर कंपनी का वेटेज होता है. सेंसेक्स में वो 30 कंपनियां हैं जिनका भारत में फ्री फ्लोट मार्केट कैप सबसे ज्यादा है. फ्री फ्लोट कंपनियां वो होती हैं, जिनके ज्यादा शेयर पब्लिक के पास होते हैं. इंडेक्स में इसे ज्यादा वेटेज दिया जाता है. इन 30 कंपनियों के डायरेक्शन से सेंसेक्स एक ओपिनियन देता है कि आज मार्केट बढ़ा हुआ है या गिरावट है. ये 30 कंपनियां अलग-अलग सेक्टर से हैं और अपने सेक्टर की सबसे बड़ी मानी जाती हैं. ठीक इसी तरह निफ्टी 50 कंपनियों के मूमेंट से मार्केट का ओपिनियन देता है.

1986 में हुई थी सेंसेक्स की शुरुआत
सेंसेक्स की शुरुआत 1986 में हुई थी और निफ्टी 1994 में शुरू हुआ. सेंसेक्स की बेस वैल्यू 100 है और निफ्टी की बेस वैल्यू 1000 है.
सेंसेक्स में उतार-चढ़ाव कैसे होता है?
हर रोज सेंसेक्स और निफ्टी ऊपर नीचे होते रहते हैं. शेयर का उतार-चढ़ाव कंपनी की परफॉर्मेंस को दिखाता है. आसान भाषा में कहें तो शेयर मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा कनेक्शन इसमें लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव से है. अगर इन कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ रही है तो सेंसेक्स ऊपर जाता है और अगर अगर इन कंपनियों के शेयर गिरते हैं तो सेंसेक्स भी गिर जाता है. ये इंडेक्स इस बात का संकेत है कि कंपनियां भविष्य में कितना कमाएंगीं. यह देश की अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर भी है.
शेयर मार्केट है क्या?
शेयर मार्केट वो है जहां आप किसी कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकते हैं. किसी कंपनी के शेयर खरीदने का मतलब है आप उस कंपनी में कुछ परसेंट ओनरशिप ले रहे हैं. अगर उस कंपनी को फायदा होगा तो उसका कुछ हिस्सा आपको भी मिलेगा और अगर कंपनी नुकसान में होगी तो ये नुकसान आपको भी झेलना होगा. कंपनी के हर शेयर की कीमत बराबर होती है. 
IPO क्या होता है?
अगर किसी कंपनी को स्टॉक एक्सचेंज पर जाकर अपनी कंपनी के शेयर बेचने हैं, तो इसकी पब्लिक लिस्टिंग कराई जाती है. यानी अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करना. अगर कंपनी पहली बार ऐसा कर रही है तो इसे IPO यानी initial public offerings कहा जाता है. कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है. ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर पैसा जुटाती है. इसी के लिए कंपनी IPO लाती है.