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Lok Sabha Election 2024: क्या है cVigil App, चुनाव के दौरान कोई आपको लालच दे या आचार संहिता का उल्लंघन करे तो तुरंत करें शिकायत, बस इतने मिनट में Election Commission करेगा कार्रवाई

what is cVigil Mobile App: यदि कोई उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है,  मतदाता को अपने पक्ष में वोट देने के लिए कोई लालच दे रहा या फिर पैसे बांट रहा तो इसकी शिकायत अप cVigil ऐप कर सकते हैं. सबूत के तौर पर आप रिकॉर्ड किया हुआ फोटो या वीडियो इस ऐप पर अपलोड कर सकते हैं.

cVigil Mobile App cVigil Mobile App
हाइलाइट्स
  • cVIGIL App को Google Play स्टोर से कर सकते हैं डाउनलोड 

  • इस बार 7 चरणों में होगा लोकसभा चुनाव 

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग (Election Commission) ने कर दिया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने बताया कि आम चुनाव 7 चरणों में होंगे और नतीजे 4 जून को आएंगे. पहले फेज के लिए वोटिंग 19 अप्रैल को होगी और अंतिम यानी 7वां फेज 1 जून 2024 को होगा.

चुनावी शेड्यूल को जारी करते समय सीईसी ने ने मतदाताओं से एक खास अपील की. उन्होंने बताया कि यदि कोई उम्मीदवार आचार संहिता का उल्लंघन करे, आपको अपने पक्ष में वोट देने के लिए कोई लालच दे या फिर पैसे बांटे तो इसकी शिकायत कर सकते हैं. cVigil मोबाइल ऐप से कोई भी वोटर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.कई उम्मीदवार चुनाव में कुछ भी फ्री चीजें बांटने और एक्सेस कैंपेनिंग कर रहा है तो कोई भी नागरिक बस उसका एक फोटो लेकर टैक्स के साथ हमें भेज दे. इसके बाद हमारी टीम लोकेशन का पता कर मात्र 100 मिनट में गुनाहगार पर कार्रवाई करेगी.

आखिर क्या है cVigil App
cVIGIL एक मोबाइल ऐप है. इस ऐप का चुनाव को लेकर आचार संहिता लागू होने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है. चुनाव तारीखों का ऐलान होने के बाद से मतदान खत्म होने ने तक आप शिकायत भेज सकते हैं. इस ऐप के जरिए आप चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन होने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. रिश्वत, मुफ्त में चीजें बांटना, शराब की बोतल बांचना या अनुमति से ज्यादा देर तक लाउडस्पीकर बजाना आदि की शिकायत कर सकते हैं.

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सबूत के तौर पर मतदाता या कोई भी रिकॉर्ड किया हुआ फोटो या वीडियो इस ऐप पर अपलोड कर सकते हैं. शिकायतकर्ता का वीडियो या फोटो अपलोड करने के बाद 5 मिनट के भीतर स्थानीय चुनाव अधिकारी के पास पहुंच जाएगा. किसी भी घटना की शिकायत के लिए ऐप से रियल टाइम फोटो और वीडियो अपलोड किया जाएगा. शिकायत सही होने पर 100 मिनट के भीतर समस्या का समाधान किया जाएगा. इसमें बताया जाता है कि क्या कार्रवाई की गई.

ऑटोमैटिकली जियो-टैगिंग हो जाती है इनेबल 
cVigil App के साथ यूजर को किसी तरह की शिकायत करने के लिए अपनी पहचान बताने की जरूरत नहीं है. आप बिना अपनी पहचान बताए गुमनाम रूप से ऐप मे अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं. इस ऐप में आपको जियो टैगिंग की सुविधा भी जोड़ी गई है. ऐसे में जैसे ही आप उल्लंघन की रिपोर्ट के लिए ऐप का कैमरा ऑन करता हैं, वैसे ही ऑटोमैटिकली जियो-टैगिंग इनेबल हो जाती है. इससे आयोग को घटना की सही लोकेशन मिल जाती है. cVIGIL App को एंड्रॉइड यूजर Google Play स्टोर और एपल यूजर App Store से डाउनलोड कर सकते हैं.

ऐप पर इन बातों की कर सकते हैं शिकायत
1. वोटर्स को मुफ्त में धन का वितरण.
2. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान.
3. सांप्रदायिक घृणा वाले भाषण.
4. फर्जी खबर और पेड न्यूज.
5. शराब या नशीली दवाओं का वितरण.
6. हथियारों का अवैध प्रर्दशन.
7.  किसी के धमकी देने पर.
8. फ्री परिवहन सेवा.
9. अनुमति से ज्यादा देर तक लाउडस्पीकर बजाने पर. 

ऐप से कैसे करें शिकायत
1. सबसे पहले ऐप को डाउनलोड करें.
2. इसके बाद ऐप पर नाम और पत्ता के साथ रजिस्ट्रेशन करें.
3. फिर ओटीपी से वेरिफिकेशन करें.
4. घटना के डिटेल का साथ वीडियो या फोटो अपलोड करें.

कब हुआ था पहली बार इस ऐप का इस्तेमाल
cVIGIL ऐप का अक्टूबर-दिसंबर 2018 में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पहली बार इस्तेमाल किया गया था. उस समय से लेकर नवंबर-दिसंबर 2019 में झारखंड विधानसभा चुनाव तक cVIGIL के जरिए कुल 1 लाख 71 हजार 745 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें से 1 लाख 27 हजार 567 यानी कि 74 फीसदी शिकायतें सही पाई गई थीं. चुनाव आयोग ने बताया कि cVigil ऐप पर 2019 लोकसभा चुनाव में 99% शिकायतें दर्ज हुईं थी.

लोकसभा चुनाव 2019 में कुल 1 लाख 42 हजार 270 शिकायतें दर्ज हुईं. इनमें से 1,10,030 शिकायतें सही पाई गईं और उनका समाधान किया गया. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस ऐप के जरिए कुल 19,050 शिकायतें दर्ज कराई गई थीं. इनमें से 13,252 शिकायतें सही पाए जाने पर उनका समाधान किया गया. महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुल 9,902 शिकायतें दर्ज की. इनमें से 7,650 शिकायतें सही पाई गईं और उनका समाधान किया गया.