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Hajipur Lok Sabha Seat: पहले Congress का था गढ़, फिर Ram Vilas Paswan पर जनता ने जताया भरोसा,  यादव, राजपूत और पासवान की बहुलता वाले हाजीपुर लोकसभा सीट के बारे में जानिए 

Lok Sabha Election 2024 Hajipur Seat: लोकसभा चुनाव 1977 में हाजीपुर सीट एससी के लिए आरक्षित कर दी गई थी. उस समय हुए चुनाव में रामविलास पासवान ने कांग्रेस उम्मीदवार को न सिर्फ मात दी थी बल्कि रिकॉर्ड भी कायम किया था. रामविलास ने 4 लाख 69 हजार 7 वोट हासिल करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था.

Hajipur Lok Sabha Seat Hajipur Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • हाजीपुर लोकसभा सीट पर आपात काल के पहले तक कांग्रेस का था वर्चस्व 

  • सबसे ज्यादा हैं यादव मतदाता 

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है. बिहार की कुल 40 सीटों पर चुनाव होने हैं. आज हम आपको राज्य की सबसे हॉट सीटों में से एक हाजीपुर (Hajipur) लोकसभा सीट के इतिहास और जातीय समीकरण के बारे में बताने जा रहे हैं. हाजीपुर को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. यहां पर कांग्रेस ने 1952 से लेकर 1971 तक लगातार जीत दर्ज की.

इसके बाद लोकसभा चुनाव 1977 में कांग्रेस के किले में रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने सेंध लगाई. हाजीपुर की जनता ने उन्हें आठ बार अपना सांसद चुना. फिर उनके परिवार पर भी भरोसा जताया. अभी हाजीपुर के सांसद रामविलास के भाई पशुपति पारस (Pashupati Paras) हैं. बीजेपी (BJP) की अगुवाई वाली एनडीए (NDA) में सीटों को लेकर बंटवारा हो चुका है. इसमें हाजीपुर सीट रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास LJP (RV) को मिली है. पशुपति पारस की पार्टी लोक जनशक्ति इस बार एनडीए का हिस्सा नहीं है. इस बार हाजीपुर लोकसभा सीट पर पांचवें फेज में 20 मई को मतदान होगा. 4 जून 2024 को चुनाव का रिजल्ट जारी होगा. 

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रामविलास पासवान ने दर्ज कराया था अपना नाम
लोकसभा चुनाव 1977 में हाजीपुर सीट एससी के लिए आरक्षित कर दी गई. उस समय हुए चुनाव में युवा नेता रामविलास पासवान ने कांग्रेस के उम्मीदवार को न सिर्फ मात दी थी बल्कि रिकॉर्ड भी कायम किया था. रामविलास पासवान ने देश में सबसे अधिक 4 लाख 69 हजार 7 वोट हासिल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया था.

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इसके बाद लोकसभा चुनाव 1980 में भी रामविलास ने जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव 1984 में रामविलास पासवान को हार मिली थी. कांग्रेस नेता रामरतन ने उन्हें मात दी थी. लेकिन लोकसभा चुनाव 1989 में रामविलास पासवान ने जोरदार वापसी की. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार महावीर पासवान को 5 लाख 4 हजार 448 मतों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. 

किसने और कब दर्ज की जीत
1952: राजेश्वरा पटेल, कांग्रेस 
1957: राजेश्वरा पटेल, कांग्रेस 
1962: राजेश्वरा पटेल, कांग्रेस 
1967: वाल्मीकि चौधरी, कांग्रेस 
1971: रामशेखर प्रसाद सिंह, कांग्रेस 
1977: राम विलास पासवान, जनता पार्टी 
1980: रामविलास पासवान, जनता पार्टी 
1984: राम रतन राम, कांग्रेस 
1989: रामविलास पासवान, जनता दल 
1991: रामसुंदर दास, जनता दल 
1996: रामविलास पासवान, जनता दल 
1998: रामविलास पासवान, जनता दल 
1999: रामविलास पासवान, जनता दल (यूनाइटेड) 
2004: रामविलास पासवान, लोक जन शक्ति पार्टी 
2009: रामसुंदर दास, जनता दल (यूनाइटेड) 
2014: राम विलास पासवान, लोक जन शक्ति पार्टी 
2019: पशुपति कुमार पारस, लोक जन शक्ति पार्टी

कब हुए थे साल 2019 में चुनाव
लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग ने 10 मार्च को थी. कुल 7 चरणों में चुनाव कराए गए थे. वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी. लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान 7 अप्रैल से लेकर 12 मई तक मतदान हुआ था. 16 मई को चुनाव नतीजे घोषित किए गए थे. 

लोकसभा चुनाव 2019 में किसको और कितने मिले थे मत
रामविलास पासवान ने स्वास्थ्य कारणों से लोकसभा चुनाव 2019 को नहीं लड़ा था. उन्होंने अपनी जगह भाई पशुपति पारस को हाजीपुर से उम्मीदवार बनाया था. पशुपति पारस ने राजद के शिव चंद्रराम को 2 लाख से अधिक मतों से हराया था. पशुपति पारस को 5,41,310 वोट मिले थे. शिव चंद्र राम को 3,35,861 वोटों से संतोष करना पड़ा था.

निर्दलीय प्रत्याशी राज कुमार पासवान 30,797 मत के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.लोकसभा चुनाव  2014 के दौरान एलजेपी नेता राम विलास पासवान ने आठवीं बार इस सीट से जीत हासिल की थी. उन्हें 4,55,652 वोट मिले थे.  कांग्रेस उम्मीदवार संजीव प्रसाद टोनी 2,30,152 मत के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. जदयू उम्मीदवार राम सुंदर दास 95,790 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे.

इतनी हैं विधानसभा सीटें
हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की कुल 6 सीटें हाजीपुर, लालगंज, महनार, महुआ, राजापाकर और राघोपुर शामिल हैं. पातेपुर विधानसभा क्षेत्र भी पहले इसी लोकसभा क्षेत्र में था, लेकिन यह 2014 के चुनाव में कटकर उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा बन गया. इसके  बदले में वैशाली लोकसभा क्षेत्र से लालगंज को काटकर हाजीपुर से जोड़ा गया. इस लोकसभा क्षेत्र में वैशाली जिले के तीन अनुमंडल आते हैं. इसमें हाजीपुर, महुआ और महनार शामिल हैं.

क्या है  जातीय समीकरण
हाजीपुर सीट का जातीय समीकरण देखें तो इस क्षेत्र में हिंदुओं की आबादी काफी है. यहां सबसे ज्यादा 2.75 लाख वोटर यादव जाति के हैं. करीब 2.50 लाख वोटर पासवान और 2.50 लाख राजपूत जाति के हैं. 1.50 लाख वोटर भूमिहार और 1.25 लाख कुशवाहा हैं. कुर्मी और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 1.25 लाख है. करीब 80 हजार वोटर रविदास जाति के हैं.

करीब 2 लाख मतदाता वैश्य और बाकी जातियों के हैं. अल्पसंख्यकों में मुस्लिम साढ़े 9 प्रतिशत हैं, क्रिश्चियन 0.06 और सिख, बुद्धिस्ट और जैन 3 प्रतिशत हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 18,23,664 मतदाता थे. इसमें से 9,84,179 पुरुष और 8,39,426 महिला मतदाता थीं. 59 मतदाता थर्ड जेंडर के थे.