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INDIA Alliance: बंगाल में अकेले चुनावी मैदान में उतरेगी TMC, Mamta Banerjee के अलग होने का क्या होगा इंडिया गठबंधन पर असर, BJP के लिए क्या है इसके मायने

Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल में INDIA गठबंधन को बड़ा झटका लगा है. TMC की मुखिया ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है. टीएमसी के ऐलान से इंडिया गठबंधन सूबे में कमजोर होगा और वोटों के बिखराव का सीधा फायदा बीजेपी को हो सकता है.

INDIA Alliance (File Photo) INDIA Alliance (File Photo)

लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन को पश्चिम बंगाल में बड़ा झटका लगा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अकेले आम चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. टीएमसी अध्यक्ष ने कहा कि मैंने जो भी सुझाव दिए, वह सभी नकार दिए गए. इन सबके बाद हमने बंगाल में अकेले जाने का फैसला किया. ममता बनर्जी ने कहा कि हमने पहले ही कह रखा है कि कांग्रेस 300 सीटों पर चुनाव लड़े और क्षेत्रीय दलों को अपने क्षेत्र में बीजेपी से मुकाबला करने दिया जाए. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल एक साथ रहेंगे, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अगर वह हस्तक्षेप करेंगे तो हमें फिर से विचार करना होगा.

ममता बनर्जी के इस फैसले के बाद इंडिया गठबंधन बिखरता नजर आ रहा है. टीएमसी के इस फैसले का इंडिया गठबंधन पर क्या असर होगा? कांग्रेस को इसका क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है? क्या इसका फायदा बीजेपी गठबंधन को मिलेगा. चलिए आपको इन तमाम पहलुओं के बारे में बताते हैं.

पश्चिम बंगाल में टीएमसी की ताकत-
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है. ममता बनर्जी के इस फैसले से इंडिया गठबंधन कमजोर होगा. आम चुनाव में गठबंधन की सियासी ताकत बंट जाएगी. बंगाल में टीएमसी सबसे बड़ी सियासी ताकत है. साल 2019 आम चुनवा में पार्टी को 43.7 फीसदी वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर बीजेपी रही थी. लेकिन जब दो साल बाद साल 2021 में विधानसभा चुनाव हुए तो ममता बनर्जी ने बीजेपी को काफी पीछे छोड़ दिया. विधानसभा चुनाव 2021 में ममता बनर्जी की पार्टी ने 294 सीटों में से 215 सीटों पर जीत दर्ज की थी. पार्टी को 48.5 फीसदी वोट मिले थे.

सूबे में बीजेपी कितनी ताकतवर-
पश्चिम बंगाल में बीजेपी दूसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी है. 2019 आम चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत दर्ज करके सबको चौंका दिया था. पार्टी को चुनाव में 40.6 फीसदी वोट मिले थे. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टीएमसी से सिर्फ 3 फीसदी कम वोट मिला था. अगर विधानसभा चुनाव 2021 की बात करें तो बीजेपी का वोट परसेंटेज लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम हो गया था. बीजेपी को 38.5 फीसदी वोट मिले थे. अगर सीटों की बात करें तो पार्टी के खाते में 77 सीटें आई थीं.

कांग्रेस और वाम दलों की ताकत-
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को सूबे में सिर्फ 5.7 फीसदी वोट मिले थे. जबकि पार्टी के खाते में 2 सीटें आई थी. अगर विधानसभा की बात करें तो कांग्रेस का जनाधार कम हो गया और सिर्फ 3 फीसदी वोट मिले. विधानसभा चुनाव 2021 में कांग्रेस कोई भी सीट नहीं जीत पाई.

सीपीआईएम को विधानसभा चुनाव में 4.8 फीसदी वोट मिले थे. लेकिन पार्टी को कोई सीट नहीं मिली थी. हालांकि लोकसभा चुनाव 2019 में सीपीआईएम की हालत कुछ अच्छी थी. पार्टी को 6.3 फीसदी वोट मिले थे. लेकिन उस चुनाव में भी पार्टी को कोई सीट नहीं मिली थी.

इंडिया गठबंधन में बिखराव का असर-
इंडिया गठबंधन में कांग्रेस, टीएमसी और वाम दल शामिल हैं. हालांकि टीएमसी ने अकेले चुनाव में जाने की बात कही है. ऐसे में इंडिया गठबंधन की ताकत सूबे में कमजोर होगी. अगर आम चुनाव 2019 में सीटों के हिसाब से देखें तो टीएमसी ने 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अगर टीएमसी अलग होती है तो इंडिया गठबंधन पश्चिम बंगाल में पूरी तरह से बिखर जाएगा. पिछले आम चुनाव में कांग्रेस के खाते में 2 सीटें गई थीं. चुनाव में वाम दलों के हाथ खाते थे.

अगर पिछले आम चुनाव में वोट परसेंटेज की बात करें तो टीएमसी को 43.7 वोट, कांग्रेस को 5.7 फीसदी वोट और सीपीआईएम को 6.3 फीसदी वोट मिले थे. अगर सभी दल एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव में उतरेंगे तो गठबंधन के पाले में 55 फीसदी से ज्यादा वोट परसेंटेज दिखाई दे रहा है. लेकिन टीएमसी के अकेले चुनाव लड़ने की हालत में पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.

बीजेपी के लिए क्या है इसके मायने-
अगर सूबे में इंडिया गठबंधन बिखरता है तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 18 सीटों के साथ 40.6 फीसदी वोट हासिल किए थे. एकजुट इंडिया गठबंधन के सामने बीजेपी कमजोर नजर आ रही है. लेकिन अगर इंडिया गठबंधन बिखरता है तो सूबे में टीएमसी और बीजेपी में सीधी लड़ाई होगी. इस हालात में बीजेपी के पास टीएमसी को मात देकर कुछ सीटें हासिल करने का मौका रहेगा.

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