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Indian Railways: रात में सोने से लेकर मिडिल बर्थ तक, रेलवे से जुड़े इन नियमों को जानने को बाद आपकी यात्रा हो जाएगी और भी सुखद

Indian Railways: भारतीय रेलवे के बहुत से नियमों से हम और आप अनजान रहते हैं. अगर हम इन नियमों को जान लें तो हमारी रेल यात्रा और भी सुखद हो सकती है.

Indian Railways (Photo: Flickr) Indian Railways (Photo: Flickr)
हाइलाइट्स
  • देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना रेलवे में सफर करता है

  • रेलवे से जुड़े बहुत से नियम और कायदे ऐसे हैं जिनकी जानकारी हमको और आपको नहीं रहती है

भारतीय रेल को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है. देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रोजाना रेलवे में सफर करता है. भारतीय रेलवे न सिर्फ यात्रियों के लिए तमाम सुविधाओं से युक्त ट्रेनों का परिचालन करती है. बल्कि उनकी यात्रा को और भी ज्यादा आरामदायक बनाने के लिए कई तरह के नियम कायदे बनाए गए हैं. 

हालांकि बहुत से नियम और कायदे ऐसे हैं जिनकी जानकारी हमको और आपको नहीं रहती है. जिसकी वजह से यात्रा के दौरान हमें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए आज हम आपको रेलवे से जुड़े कुछ ऐसे नियमों की जानकारी दे रहे हैं जिनको जानने के बाद निश्चित रूप से आपकी यात्रा पहले से कहीं ज्यादा सुखद और आरामदायक साबित हो सकती है.

1. यात्रा के दौरान रात में आपकी नींद को खराब होने से बचाता है यह नियम:
भारतीय रेलवे पूरे देश में जिन ट्रेनों का परिचालन करती है. उसमें अधिकांश ट्रेनें लंबी दूरी की होती हैं. जिनमें यात्रा के दौरान यात्रियों को रात भी ट्रेन में बितानी पड़ती है. सबसे ज्यादा दिक्कत उस वक्त होती है जब आप रात में सो रहे हैं और टीटी आपका टिकट चेक करने के लिए आपको जगा देता है. 

लेकिन ऐसे में यात्रियों के सोने को लेकर रेलवे का नियम है कि रात के 10:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक टिकट चेक करने के लिए टीटी आपको जगा नहीं सकता है. हालांकि, ध्यान देने की बात यह भी है कि यह नियम उन यात्रियों पर लागू नहीं होता जिनकी यात्रा ही रात के 10:00 बजे से शुरू होती है. लेकिन अगर आप 10 बजे से पहले ट्रेन ले रहे हैं और टीटी ने 10 बजे तक टिकट चेक नहीं की है तो वह आपको सुबह 6 बजे तक सोते हुए नहीं जगा सकता है. 

2. मिडिल बर्थ को लेकर बनाए गए हैं यह नियम:
यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी थ्री-टियर के उन यात्रियों को होती है, जिनकी सीट मिडिल वाली होती है. अगर यात्रा के दौरान दिन के वक्त मिडिल बर्थ का यात्री अपनी सीट को खोल लेता है, तो बाकी यात्रियों को बैठने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. ऐसे में रेलवे का नियम है कि रात के नौ बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक मिडिल बर्थ को खोला जा सकता है. 

अगर इस अवधि के अलावा कोई यात्री मिडिल बर्थ को खोलना चाहता है. तो आप उसकी शिकायत रेलवे से कर सकते हैं. या फिर अगर आपकी सीट बीच वाली है और दूसरे सहयात्री आपको रात के नौ बजे के बाद सीट को खोलने से मना कर रहे हैं तो उस स्थिति में भी आप रेलवे से अपनी शिकायत कर सकते हैं.

3. ट्रेन के अगले स्टापेज तक सुरक्षित रहती है आपकी रिजर्व सीट:
कई बार ऐसा होता है कि आप जल्दबाजी में उस डिब्बे तक नहीं पहुंच पाते हैं जिस डिब्बे में आपका रिजर्वेशन होता है. ऐसा अक्सर उन स्टेशनों पर देखा जाता है जहां पर ट्रेन के स्टॉपेज बहुत ही कम समय के लिए होते है. ऐसे में यात्री किसी भी कोच में सवार हो जाते हैं. लेकिन ऐसे व्यक्तियों के लिए रेलवे का यह नियम है कि टीटी आपकी सीट को दूसरे को तब तक अलॉट नहीं कर सकता है जब तक अगला स्टेशन क्रॉस न हो जाए.

जिस स्टेशन से आप का रिजर्वेशन है, उस स्टेशन से अगले स्टेशन तक टीटी आपकी सीट पर आपका इंतजार करता है. इसके बाद भी अगर आप अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाते हैं तो उस दशा में टीटी यह मान लेता है कि आप ट्रेन में सवार नहीं हुए हैं और इसके बाद ही उस सीट को अन्य किसी यात्री को अलॉट किया जा सकता है.

(उदय गुप्ता की रिपोर्ट)