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साईकिल पर फूड डिलीवरी करता था युवक ताकि भर सके परिवार का पेट, पुलिसवालों ने अपना एक-एक दिन का वेतन इकट्ठा कर दिला दी बाइक

इंदौर शहर सिर्फ स्वच्छता ही नहीं मानवता की भी मिसाल है. हाल ही में. यहां की पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला है. आप भी पढ़ेंगे तो दिन बन जाएगा.

Indore Police gifted bike to food delivery boy Indore Police gifted bike to food delivery boy
हाइलाइट्स
  • एजेंट ने किया फूड डिलीवरी बॉय से फ्रॉड 

  • पुलिस कर्मचारियों ने पैसे इकट्ठा कर दिलाई बाइक 

मध्य प्रदेश का इंदौर देश का सबसे स्वच्छ और सुरक्षित शहर है. यहां से हर दिन आपको कोई न कोई गुड न्यूज मिलती ही है. और आज की गुड न्यूज तो आपका दिन भी बना देगी. आज हम आपको बता रहे हैं इंदौर पुलिस के मानवता भरे चेहरे से जुड़ी खबर. जिस कारण एक फूड डिलीवरी बॉय के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है. 

इंदौर पुलिस ने कुछ ऐसा किया जिससे आपको यकीन होगा कि भगवान इंसान में ही बसते हैं. कहानी यह है कि इंदौर में जय हल्दे नामक युवक फूड डिलीवरी का काम करता है. गर्मी हो या सर्दी जय कभी काम से नहीं रुकता ताकि अपने परिवार का पेट भर सके. परिवार के 5 सदस्यों का जिम्मेदारी उस पर है. 

एजेंट ने किया फ्रॉड 

जय के माता-पिता भी छोटा-मोटा काम करते हैंय बस जैसे-तैसे वे अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं. पर कहते हैं न कि किस्मत खुलते देर नहीं लगती. जय के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. कुछ समय पहले ही जय रात को साईकिल पर फूड डिलीवरी कर रहे थे कि रास्ते में उन्हें विजय नगर पुलिस के अफसरों ने देखकर रोक लिया. 

थाना प्रभारी तहजीब काजी ने उसे साईकिल पर डिलीवरी करने की वजह पूछी और कहा कि बाइक क्यों नहीं ले लेते. पर फ्र जय ने उन्हें बताया कि उसने पाई-पाई जोड़कर बाइक के लिए 20 हजार रुपए इकट्ठा किए थे. एक एजेंट ने उसे बाइक दिलाने का वादा किया और पैसे लेकर फरार हो गया. इस फ्रॉड के बद जय के परिवार का माली हालत और खराब हो गई. 

पुलिस कर्मचारियों ने पैसे इकट्ठा कर दिलाई बाइक 

जय की कहानी सुनकर विजय नगर थाना प्रभारी तहजीब ने उसकी मदद करने की ठानी. उन्होंने जय की एक वीडियो बनाई और फिर उसका नंबर भी लिया. तहजीब ने इस वीडियो को अपने स्टाफ के साथ शेयर किया और जय की मदद करने के लिए प्रेरित किया. सभी पुलिस स्टाफ ने अपनी-अपनी एक दिन की सैलरी इकट्ठा की और जय के लिए नई बाइक खरीदी. 

जय को जब पुलिस ने फोन करके थाने बुलाया तो वह और उनका परिवार डर गए कि पुलिस क्यों बुला रही है. पर जब वे थाने पहुंचे तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था. अब जय पहले से ज्यादा कमा पा रहा है और इसके लिए वह इंदौर पुलिस का धन्यवाद करता नहीं थकता है. 

(धर्मेन्द्र कुमार शर्मा की रिपोर्ट)