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भगवान काल भैरव का दरबार; जहां उनके दो स्वरुपों की होती है आराधना, देखें प्रार्थना हो स्वीकार

शिव कल्याण स्वरूप हैं, लेकिन जब शिव को क्रोध आता है तब सृष्टि के विनाश का संकेत मिलता है.मान्यता है कि शिव के क्रोध से ही भैरव का जन्म हुआ है. भैरव को काशी में दंडपाणि कहते हैं. जिनको काशी का कोतवाल माना जाता है. मान्यता है कि भैरव की उपासना करने से भैरव इंसान के हर एक भय को हर लेते हैं. अध्यात्म की आज की यात्रा में आपको लेकर चल रहे हैं भगवान भैरव के दरबार में जहां मिलता है भगवान शिव के साथ साथ शनि, हनुमान और मां काली का आशीर्वाद. देखें प्रार्थना हो स्वीकार

The Prachin Kaal Bhairav Temple is located in Jhandewalan, Delhi. Two forms of Lord Bhairav are worshiped in the temple. Know about the importance of the temple and its history.