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आपकी कार होगी अब और भी सेफ, कंपनियां सभी फ्रंट फेसिंग सीटों पर लगाएंगी थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट

थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट टू-पॉइंट बेल्ट से कहीं ज्यादा सुरक्षित है है. इससे गाड़ी की टक्कर के समय छाती, कंधों और शरीर को कम चोटें आती हैं. अभी देश में जो भी कारें बनाई जाती हैं उनमें केवल आगे की सीटों और दो रियर सीटों में थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट होती हैं.

Three point seat belt Three point seat belt
हाइलाइट्स
  • अब पिछली पंक्ती की बीच की सीट के लिए भी ये नियम लागू होगा

  • देश में बढ़ रहे हैं सड़क हादसे

कार में अब यात्रियों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट जरूरी होगा. गुरुवार को सरकार ने वाहन निर्माताओं के लिए कार में सामने वाले सभी यात्रियों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट को अनिवार्य कर दिया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात की जानकारी एक कांफ्रेंस में दी है. उन्होंने कहा कि अब पिछली सीट में बीच की सीट के लिए भी ये नियम लागू होगा. 

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, "मैंने कल एक फाइल पर साइन किए हैं, जिसमें वाहन निर्माताओं के लिए कार में सामने वाले सभी यात्रियों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट प्रदान करना अनिवार्य करने के लिए कहा गया है."

हालांकि, उन्होंने उस तारीख का जिक्र नहीं किया है जब से इस नए नियम को लागू किया जाएगा. 

कारें होंगी और भी सेफ 

दरअसल, ये कदम कारों को और भी सेफ बनाने के लिए उठाया गया है. वर्तमान में, देश में जो भी कारें बनाई जाती हैं उनमें केवल आगे की सीटों और दो रियर सीटों में थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट होती हैं. जबकि, इन कारों में बीच में और पीछे की सीट में केवल टू-पॉइंट या लैप सीट बेल्ट होती है, जैसा कि हवाई जहाज की सीटों में दी जाती हैं. इससे दुर्घटना के समय यात्रियों की जान जोखिम में पड़ सकती है.

आपको बता दें, थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट टू-पॉइंट बेल्ट से कहीं ज्यादा सुरक्षित है है. गाड़ी की टक्कर के समय छाती, कंधों और शरीर को कम चोटें आती हैं. 

देश में बढ़ रहे हैं सड़क हादसे 

पिछले महीने, मंत्रालय ने कहा था कि वह इस साल अक्टूबर से कार निर्माताओं के लिए मोटर वाहनों में कम से कम छह एयरबैग देना अनिवार्य कर देगा. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि देश में हर साल 5 लाख सड़क हादसों में 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं. समय की मांग है कि सड़क सुरक्षा उपायों के लिए जन जागरूकता पैदा की जाए.

उनके अनुसार, सुरक्षा में सुधार के लिए मानकों और प्रोटोकॉल के आधार पर वाहनों की स्टार रेटिंग के लिए एक सिस्टम बनाया जा रहा है.