पूर्वांचल के माटी महोत्सव में कला और संस्कृति से महक उठा राजघाट, सुजनी आर्ट ने बनाया लोगों को अपना दीवाना

देश में इस बार आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसके तहत राजघाट पर पूर्वांचल माटी महोत्सव का आयोजन किया गया. इस महोत्सव में पूर्वांचल की कलाकृतियों से लेकर कवियों तक की झलक देखने को मिली.

पूर्वांचल माटी महोत्सव
तेजश्री पुरंदरे
  • दिल्ली,
  • 28 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:20 PM IST
  • राजघाट पर लगा पूर्वांचल माटी महोत्सव
  • सुजनी आर्ट बनी आकर्षण का केंद्र 

माटी की कला, संस्कृति और धरोहर हमारे मन को मिट्टी से जोड़ती है. यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर ही होती है जो हमें बार-बार मिट्टी की ओर खींच लाती है. कुछ इसी तरह राजघाट पूर्वांचल के माटी की खुशबू  से महक रहा है. क्योंकि यहां पर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र की कला संस्कृति और धरोहर की झलक देखने को मिली. 

देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं और इसलिए देश इस बार आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इसके तहत राजघाट के गांधी और दर्शन समिति ने पूर्वांचल माटी महोत्सव का आयोजन किया.

सुजनी आर्ट बनी आकर्षण का केंद्र 

इस महोत्सव में पूर्वांचल की कलाकृतियों से लेकर कवियों की झलक देखने को मिली. इस पूरे महोत्सव में सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनी है सुजनी आर्ट.

सुजनी आर्ट बनाने वाली अर्चना झा बताती हैं कि सुजनी कला बिहार से लेकर पूर्वांचल तक बहुत पसंद की जा रही है. पहले गांव की महिलाएं साड़ी पर धागे के जरिए कला का प्रयोग करती थीं. लेकिन अब इस कला का आधुनिकीकरण हुआ है और अब इसे कैनवास पर बनाया जाता है. 

दिखी बनारसी साड़ियों की चमक

बात पूर्वांचल कि हो और इसमें बनारस के साड़ियों का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है. बनारसी साड़ियों की चमक भी यहां पर देखने को मिली. 5000 से लेकर 50 हजार तक की साड़ियों का कलेक्शन यहां पर रखा गया था. 

कारीगरों ने बताया कि जितनी भी साड़ियां मेले में लाई गई हैं वे साभी कारीगरों ने हाथ से बनाई हैं. एक साड़ी को बनाने में करीब 2 से 3 महीने का समय लगता है. और 3 कारीगर मिलकर एक पूरी साड़ी को बनाते हैं. 

पूर्वांचल के माटी महोत्सव में कला और संस्कृति से महक उठा राजघाट

मशहूर हैं मिट्टी के बर्तन

पूर्वांचल की कलाकृतियों में मिट्टी के बर्तन और इन पर की गई कलाकारी भी बहुत प्रसिद्ध है. यहां पर मिट्टी के बर्तनों पर अलग-अलग तरह की सुंदर कलाकृतियां बनाई गई हैं जो पूर्वांचल की पहचान हैं.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कई सारे पूर्वांचल के कवि और राजनेताओं को आमंत्रित किया गया था. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आरिफ मोहम्मद खान को बुलाया गया. इसके अलावा पूर्वांचल से ताल्लुक रखने वाले रवि किशन ने GNT से खास बातचीत में बताया कि पूर्वांचल उनका सबसे पहला प्रेम है.

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में पधारे केरला के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि बड़े सम्मान की बात है कि उन्हें पूर्वांचल महोत्सव में बुलाया गया. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की कला और संस्कृति हमेशा से ही भारत को गौरवान्वित करती रही है. 

 

Read more!

RECOMMENDED