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Kishanganj Lok Sabha Seat: मोदी लहर में भी 'पंजा' का कब्जा, अब जीत का चौका मारने की फिराक में Congress, क्या JDU और ओवैसी की पार्टी रोक पाएगी, किशनगंज सीट के बारे में जानिए

Lok Sabha Election 2024: किशनगंज (Kishanganj) लोकसभा सीट बिहार की इकलौती सीट है जिसपर मोदी लहर में भी कांग्रेस उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस यहां से हैट्रिक लगा चुकी है और अब जीत का चौका मारने की फिराक में है. वहीं जदयू और एआईएमआईएम भी जीत का दावा कर रही है. इस लोकसभा चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

Kishanganj Lok Sabha Seat Kishanganj Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • किशनगंज से इस बार कुल 12 उम्मीदवार ठोक रहे ताल

  • इस लोकसभा सीट से केवल एक बार हिंदू प्रत्याशी ने दर्ज की है जीत

Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को बिहार की पांच सीटों के लिए मतदान होना है. इनमें से एक लोकसभा सीट किशनगंज है. यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. इंडिया गठबंधन (India Alliance) में यह सीट कांग्रेस (Congress) के खाते में गई है.

कांग्रेस ने यहां से एक बार फिर से मौजूदा सांसद डॉ. मो. जावेद आजाद (Dr Mohammad Javed Azad) को चुनावी मैदान में उतारा है. एनडीए (NDA) गठबंधन के तहत किशनगंज लोकसभा सीट नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) के खाते में गई है. जदयू ने यहां से मुजाहिद आलम (Mujahid Alam) को अपना उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस सीट से अख्तरुल इमान (Akhtarul Iman) को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है.

पहली बार कब हुआ था चुनाव
किशनगंज लोकसभा सीट पर पहली बार चुनाव 1957 में हुआ था. उस समय कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद ताहिर ने जीत दर्ज की थी. उस समय से लेकर 2019 तक किशनगंज लोकसभा में 16 बार चुनाव हुए हैं. इसमें कांग्रेस ने सबसे अधिक आठ बार जीत दर्ज की है.जनता दल और राष्ट्रीय जनता दल को दो-दो बार विजयी नसीब हुई है. प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (पीएसपी), भारतीय लोक दल, जनता पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक-एक बार जीत मिली है. 1999 के लोकसभा चुनाव में सैयद शाहनवाज हुसैन ने भाजपा का कमल खिलाया था. 

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कांग्रेस के किले में सेंध लगाना आसान नहीं
किशनगंज लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है.यहां कांग्रेस के किले में सेंध लगाना किसी भी दल के लिए आसान नहीं है. पिछले तीन लोकसभा चुनाव वर्ष 2009, 2014 और 2019 में कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत कर हैट्रिक लगाई है. लोकसभा चुनाव 2009 और 2014 में कांग्रेस उम्मीदवार असरारुल हक कासमी ने जीत दर्ज की थी. सांसद रहते असरारुल हक कासमी की मौत हो जाने के बाद किशनगंज के कांग्रेस विधायक डॉ. मो. जावेद आजाद ने इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. 

लोकसभा चुनाव 2019 में देश में मोदी लहर के बावजूद डॉ. मो. जावेद आजाद ने जीत हासिल की थी. एनडीए ने बिहार कि कुल 40 लोकसभा सीटों में से 39 में जीत हासिल की थी, सिर्फ किशनगंज सीट से उसे हार मिली थी. मुस्लिम बाहुल्य किशनगंज लोकसभा सीट पर सिर्फ एक बार को छोड़कर लगातार मुस्लिम उम्मीदवार ही जीतते आ रहे  हैं. लखन लाल कपूर ने एकबार इस सीट पर 1967 के चुनाव में जीत दर्ज की थी. 1989 में देश के चर्चित पत्रकार एमजे अकबर कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे.

कब और किसने दर्ज की जीत
1957: मोहम्मद ताहिर, कांग्रेस
1962: मोहम्मद ताहिर, कांग्रेस
1967: लखन लाल कपूर, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी
1971: जमीलुर्रहमान, कांग्रेस
1977: हलीमुद्दीन अहमद, भारतीय लोक दल
1980: जमीलुर्रहमान, कांग्रेस
1985: सैयद शहाबुद्दीन, जनता पार्टी
1989: एमजे अकबर, कांग्रेस
1991: सैयद शहाबुद्दीन, जनता पार्टी
1996: मोहम्मद तस्लीमुद्दीन, जनता दल
1998: मोहम्मद तस्लीमुद्दीन, राजद
1999: सैयद शाहनवाज हुसैन, भाजपा
2004: मोहम्मद तस्लीमुद्दीन, राजद
2009: मोहम्मद असरार-उल-हक कासमी, कांग्रेस
2014: मोहम्मद असरार-उल-हक कासमी, कांग्रेस
2019: डॉ. मोहम्मद जावेद आजाद, कांग्रेस

लोकसभा चुनाव 2019 में कैसा रहा जनादेश 
लोकसभा चुनाव 2019 में किशनगंज सीट से  कुल 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. उस समय कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. मोहम्मद जावेद और जनता दल (यूनाइटेड) के सईद महमूद अशरफ के बीच मुख्य मुकाबला देखा गया था. चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के उम्मीदवार मोहम्मद जावेद को 3,67,017 वोट मिले थे तो वहीं जेडीयू के प्रत्याशी महमूद अशरफ 3,32,551 वोटों के साथ दूसरे नंबर पर और बीएसपी के इंद्र देव पासवान 6,793 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे. उस समय किशनगंज लोकसभा संसदीय सीट पर 64.10 फीसदी मतदान हुआ था.  

2014 में भी कांग्रेस ने मारी थी बाजी
लोकसभा चुनाव 2014 में किशनगंज सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद  असरार-उल-हक कासमी ने जीत दर्ज की थी. उनको 4 लाख 93 हजार 461 वोट मिले थे. उन्होंने अपनी करीबी प्रतिद्वंदी बीजेपी के डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल को शिकस्त दी थी. जायसवाल को 2 लाख 98 हजार 849 वोट मिले थे. जेडीयू के अख्तारुल इमान को 55 हजार 822 वोटों से संतोष करना पड़ा था. 2014 में 64.52 फीसदी मतदान हुआ था.

इतनी हैं विधानसभा सीटें 
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटें हैं. इसमें से चार किशनगंज में और दो पूर्णिया जिले में आती हैं. किशनगंज जिला की चार विधानसभा सीटों में किशनगंज, कोचाधामन, ठाकुरगंज और बहादुरगंज  शामिल हैं. पूर्णिया की बयासी और अमौर विधानसभा सीटें भी किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में आती हैं. विधासभा चुनाव 2020 में एआईएमआईएम ने चार सीट बहादुरगंज, कोचाधामन, अमौर और बायसी में जीत दर्ज की थी. कांग्रेस को किशनगंज और आरजेडी को ठाकुरगंज विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई थी. 

क्या है जातीय समीकरण 
किशनगंज लोकसभा क्षेत्र के मुस्लिम वोटर ही किसी उम्मीदवार की हार और जीत तय करते हैं. यहां 68 फीसदी मुस्लिम मतदाता है और 32 फीसदी हिंदू मतदाता हैं. हिंदू में जातीय आधार पर सबसे अधिक यादव हैं. इसके बाद सहनी, पासवान, ब्राह्मण, शर्मा, रविदास और मारवाड़ी वोटरों की संख्या है. मुस्लिम वोटरों की संख्या ज्यादा होने के चलते कोई भी पार्टी यहां से अल्पसंख्यक उम्मीदवार को ही चुनावी मैदान में उतारती है. पिछले लोकसभा चुनाव में किशनंगज लोकसभा क्षेत्र में कुल 16 लाख 69 हजार 651 वोटर थे. इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 18,24,881 मतदाता हैं. इनमें 942839 पुरुष व 881976 महिला मतदाताएं हैं. इस संसदीय क्षेत्र में मतदान करने को लेकर वोटरों में खास उत्साह देखा जाता रहा है.