FASTag KYC last date/Image/Social Media
FASTag KYC last date/Image/Social Media अगर आप वाहन मालिक हैं या कोई गाड़ी ड्राइव करते हैं तो आप फास्टैग (FASTag) नाम से जरूर परिचित होंगे. साथ ही इससे जुड़े तमाम नियमों के बारे में भी आप जानते होंगे. इन दिनों वन व्हीकल वन फास्टैग (One Vehicle One FASTag initiative) की चर्चा जोरों पर है. क्योंकि देशभर में इसे लागू कर दिया गया है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर वन व्हीकल वन फास्टैग नियम है क्या और इसका आप पर क्या असर होने वाला है. विस्तार से जानेंगे सब.
क्या है इसका उद्देश्य
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने 1 अप्रैल से इस नियम को देशभर में लागू कर दिया है. इसका उद्देश्य कई वाहनों के लिए एक ही फास्टैग के इस्तेमाल पर रोक लगाना है. कुछ वाहन मालिक कई गाड़ियों के लिए एक ही फास्टटैग का इस्तेमाल कर रहे थे या एक गाड़ी के लिए कई फास्टटैग का इस्तेमाल कर रहे थे. ऐसे में इनका केवाइसी भी नहीं हो पा रहा था. ऐसे में सभी फास्टटैग यूजर को 31 मार्च तक का समय दिया गया था कि वो फास्टटैग का केवाइसी कर लें. नहीं तो उसे या तो डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा या ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा.
केवाइसी की क्यों पड़ी जरूरत
फास्टैग से जुड़े कई ऐसे मामले आए जिनमें फर्जीवाड़ा पाया गया. कुछ वाहन मालिक एक से ज्यादा फास्टैग का इस्तेमाल अपनी मर्जी से किसी भी रैंडमली वाहन के लिए कर रहे थे. कई बार दूसरों का फास्टैग इस्तेमाल करना भी इस फर्जीवाड़े में पाया गया. कुछ वाहन मालिक फर्जी फास्टैग विंड शील्ड पर लगाकर रखते ताकि टोल से बच सकें. इस तरह के तमाम फर्जीवाड़ों से निपटने के लिए केवाइसी और वन व्हीकल वन फास्टैग नियम की जरूरत NHAI को पड़ी है.
क्या होगा असर
जिन वाहन मालिकों के पास एक से ज्यादा फास्टैग हैं वो वन व्हीकल वन फास्टैग लागू होने के बाद बंद हो जाएंगे. जो लेटेस्ट फास्टैग है वही एक्टिवेट रहेगा. जिस फास्टैग का केवाईसी हुआ है बस वही एक्टिवेट रहेगा बाकी डिएक्टिवेट हो जाएंगे या ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे.