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AMU: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली महिला वाइस चांसलर...प्रोफ़ेसर नईमा ख़ातून को मिला ये मौका

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में पहली बार किसी महिला को कुलपति बनाया गया है. प्रोफेसर नईमा खातून लीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पहली वाइस चांसलर होंगी. प्रो.नईमा ख़ातून वर्तमान में एएमयू की वीमेंस कॉलेज की प्रिन्सिपल हैं.

Naima Khatoon Naima Khatoon

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार महिला वाइस चांसलर नियुक्त की गयी हैं. प्रोफेसर नईमा खातून को एएमयू की कुलपति नियुक्त करने की घोषणा की गयी. उनको 5 साल की कार्यावधि के लिए वाइस चांसलर नियुक्त किया गया.अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास में ये पहला मौका है जब महिला वाइस चांसलर नियुक्त की गयी हैं.

एक सकारात्मक कदम
इतिहास में पहली बार किसी महिला को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है. प्रोफ़ेसर नईमा ख़ातून को AMU का वाइस चांसलर नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया है. प्रो.नईमा ख़ातून वर्तमान में एएमयू की वीमेंस कॉलेज की प्रिन्सिपल हैं. प्रफ़ेसर ख़ातून पॉलिटिकल सायकोलॉजी की प्रोफ़ेसर हैं और 2014 में वीमेंस कॉलेज की प्रिन्सिपल नियुक्त की गयी थीं. नईमा ख़ातून को अध्यापन का 36 वर्षों का अनुभव है. पॉलिटिक्ल सायकोलॉजी में पीएचडी करने वाली नईमा ख़ातून इस विषय की ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ और शिक्षाविद हैं.पहली बार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास में महिला वाइस चांसलर बनने से इसे एक सकारात्मक कदम के तौर पर देखा जा रहा है.

किया है 6 किताबों का लेखन और संपादन
प्रोफ़ेसर नईमा ख़ातून ने पॉलिटिकल सायकोलॉजी (Political Psychology) में PhD किया है. नईमा ख़ातून ने दुनिया के कई देशों में इसी विषय पर लेक्चर दिया है. अपने छात्र जीवन से ही मेधावी रहीं नईमा ख़ातून ने एएमयू के वीमेंस कॉलेज से पढ़ाई की है. इस दौरान उन्होंने दो बार वीमेंस कॉलेज छात्रसंघ का भी नेतृत्व किया है. इसी समय नईमा में नेतृत्व क्षमता का विकास हुआ. इसके अलावा वो अब्दुल्ला हॉल और सरोजिनी नायडू हॉल की सीनियर मॉनिटर रहीं हैं. साल 1988 से अध्यापन में सक्रिय नईमा ख़ातून को शैक्षिक प्रशासन ( educational administration) का भी लंबा अनुभव है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमेंस कॉलेज में अध्यापन के अलावा उन्होंने अफ़्रीका के  National University of Rwanda, Central Africa में भी अध्यापन कार्य किया है.

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जानी मानी शिक्षाविद प्रोफ़ेसर नईमा ख़ातून ने 6 किताबें लिखीं और सम्पादित की हैं. कई अंतर्राष्ट्रीय जर्नल्स में उनके पेपर पब्लिश हो चुके हैं. उन्होंने अमेरिका, रोमानिया, बैंकॉक, टर्की समेत कई देशों में व्यखायन भी दिया है. प्रोफ़ेसर नईमा PhD 15 शोध को सुपरवाइज़ कर चुकी हैं. प्रो. नईमा को Clinical, Health, Applied Social and Spiritual Psychology में विशेषज्ञता हासिल है.

शैक्षणिक प्रशासन का लम्बा अनुभव
प्रोफ़ेसर नईमा ख़ातून को शैक्षणिक प्रशासन (educational administration) का लंबा अनुभव है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में उन्होंने कई भूमिकाओं में प्रशासनिक नेतृत्व किया है. प्रो. नईमा एएमयू में UGC की स्पिरिचूअल सायकोलॉजी (spiritual psychology) प्रोग्राम की डेप्युटी कोऑर्डिनेटर भी रह चुकी हैं. साथ ही AMU की गांधी हॉल और अब्दुल्ला हॉल की प्रोवोस्ट रह चुकी हैं. उन्हें 2015 में Centre for Skill Development and Career Planing, AMU की डायरेक्टर नियुक्त किया गया था.प्रो.नईमा यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली महिला वाइस चांसलर बनी हैं. छात्राओं ने इस पर ख़ुशी ज़ाहिर की और इसे महिला सशक्तिकरण के लिए अहम कदम बताया.