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Election Commission: PM Modi और Rahul Gandhi के भाषणों पर चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस, BJP और Congress पार्टी के अध्यक्षों से 29 अप्रैल तक मांगा जवाब 

Lok Sabha Election 2024: Model Code of Conduct यानि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोपों पर चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषणों पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है. दोनों पार्टियों के अध्यक्षों से 29 अप्रैल 2024 की सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा गया है. 

PM Modi and Rahul Gandhi (File Photo PTI) PM Modi and Rahul Gandhi (File Photo PTI)
हाइलाइट्स
  • पीएम के बांसवाड़ा वाले बयान पर भेजा नोटिस

  • बीजेपी ने राहुल गांधी के खिलाफ की थी शिकायत

चुनाव आयोग (Election Commission) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयानों पर आपत्ति जताए जाने के बाद गुरुवार को संज्ञान लिया है. चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता (Model Code of Conduct) के उल्लंघन के आरोप में दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को नोटिस भेजकर 29 अप्रैल 2024 की सुबह 11 बजे तक जवाब देने को कहा है.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे के नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. धर्म, जाति, संप्रदाय और भाषा के नाम पर लोगों के बीच नफरत फैलाने और अलगाववाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. इसी पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने नोटिस जारी किया है.

आचार संहिता के उल्लंघन के लगाए थे आरोप 
चुनाव आयोग ने इस मामले में जनप्रतिनिधि कानून की धारा 77 के तहत दोनों पार्टियों के अध्यक्षों को जवाब देने को कहा है. आयोग ने स्टार प्रचारकों के आचरण के लिए पार्टी अध्यक्षों को जिम्मेदार माना है.

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चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों के आचरण की जिम्मेदारी लेनी होगी. खासकर शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की ओर से चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे भाषण और भी चिंताजनक हैं और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी (PM Modi) और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगाए थे.

पीएम मोदी के राजस्थान में दिए भाषण पर हुआ था विवाद
पीएम मोदी ने 21 अप्रैल 2024 को राजस्थान के बांसवाड़ा में आयोजित रैली में कहा था कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई तो वह लोगों की संपत्ति को घुसपैठियों और ज्यादा बच्चे पैदा करनेवालों में बांट देगी. उस दौरान उन्होंने देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान का भी उल्लेख किया था. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने बयान में कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है.

पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र में लिखा है कि सरकार बनने पर मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे, उसकी जानकारी लेंगे और फिर बांट देंगे. पीएम मोदी के इस भाषण से कांग्रेस बिफर पड़ी और चुनाव आयोग में शिकायत की थी.

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को विभाजनकारी और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए इसे आचार संहिता उल्लंघन का मामला बताया था. कांग्रेस की इसी शिकायत पर अब चुनाव आयोग ने बीजेपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

राहुल गांधी पर झूठे प्रचार का आरोप
बीजेपी की ओर से गत सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. राहुल पर देश में गरीबी बढ़ने के बारे में झूठा दावा करने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग से उनके खिलाफ शिकायत बीजेपी ने की थी. बीजेपी ने राहुल गांधी पर रैलियों में भाषा और गलत शब्दों के इस्तेमाल को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी.

बीजेपी ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने तमिलनाडु में भाषा के आधार पर लोगों के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश की. बीजेपी नेताओं ने दावा किया था कि राहुल गांधी अपने भाषणों में भाषा के आधार पर उत्तर और दक्षिण भारत को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी ने चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया था. 

चुनाव आयोग इनको भी भेज चुका है नोटिस 
इलेक्शन कमीशन ने 5 अप्रैल 2024 को आप नेता आतिशी सिंह को भी नोटिस जारी किया था. आतिशी ने कहा था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का ऑफर मिला था और ऐसा नहीं करने पर जेल जाने की धमकी दी गई थी. चुनाव आयोग ने इसकी सच्चाई पर सवाल खड़े किए थे.

तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस नेताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसे लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा था. कांग्रेस के गणेश गोदियाल और रघुबीर सिंह कदियान को भी चुनाव आयोग नोटिस भेज चुका है.