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Ghazipur Lok Sabha Seat: पहले Congress का था दबदबा, फिर CPI ने मारी बाजी, इस बार SP और BJP में है मुकाबला, यादव-दलित वोटर्स की बहुलता वाले गाजीपुर लोकसभा सीट का जानिए इतिहास

Lok Sabha Eelction 2024: गाजीपुर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा का इलाका है. वह यहां से सबसे अधिक तीन लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं. हालांकि 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अखिलेश यादव ने यहां से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को टिकट दिया है. बीजेपी ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला है.

Ghazipur Lok Sabha Seat Ghazipur Lok Sabha Seat
हाइलाइट्स
  • गाजीपुर से अभी सांसद हैं अफजाल अंसारी 

  • मनोज सिन्हा तीन बार यहां से बन चुके हैं सांसद

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Eelction 2024) को फतह करने के लिए सभी पार्टियां जी-जान से जुटी हुई हैं. उत्तर प्रदेश (UP) की 80 लोकसभा सीटों पर सभी की नजर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे गाजीपुर जिले में भी सियासी पारा चढ़ा हुआ है. गाजीपुर को लहुरी काशी यानी छोटी काशी कहा जाता है.

गाजीपुर की राजनीति में पहले कांग्रेस (Congress) का दबदबा था. उसके दबदबा को सीपीआई (CPI) ने इस लोकसभा सीट से जीत दर्ज कर तोड़ा. इस सीट से 1984 के बाद कांग्रेस अपना खाता नहीं खोल पाई है तो वहीं  1991 के बद सीपीआई भी इस सीट से जीत दर्ज नहीं कर सकी है. इस साल के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (SP) और भारतीय जनता पार्टी बीजेपी ( BJP) के बीच महामुकाबला देखने को मिल सकता है.

मनोज सिन्हा का इलाका है गाजीपुर
गाजीपुर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा का इलाका है. मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) यहां से तीन लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लोकसभा चुनाव 2019 में सपा और बीएसपी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. गठबंधन के तहत इस सीट से बहुजन समाज पार्टी ने अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस बार भी यह सीट चर्चा में बनी हुई है. अखिलेश यादव ने यहां से अपनी पार्टी का उम्मीदवार माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को बनाया है. अभी तक बीजेपी ने यहां से अपना पत्ता नहीं खोला है.

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अब तक कुल 17 बार गाजीपुर लोकसभा सीट पर हुए हैं चुनाव 
कभी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस का गढ़ गाजीपुर लोकसभा सीट कही जाती थी. इस लोकसभा से कांग्रेस को लगातार 1952, 57, 62 में जीत मिली थी. फिर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव 1980 व 1984 में विजय हासिल हुई थी. इसके बाद कांग्रेस जीत कभी नसीब नहीं हुई. कांग्रेस के रथ को सीपीआई के सरयू पाण्डेय ने 1967 में रोका और 71 में भी सीपीआई से उनकी वापसी हुई.

इसके बाद लोकसभा चुनाव 1977 में जनता पार्टी की लहर में यहां गौरी शंकर राय सांसद बने. अब तक कुल 17 बार गाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव हुए हैं. पांच बार कांग्रेस, तीन बार भाजपा, तीन बार सीपीआई, तीन बार सपा जीत दर्ज कर सकी है. जनता पार्टी, स्वतंत्र पार्टी और बीएसपी ने एक-एक बार जीत इस सीट से हासिल की है. इस सीट से मनोज सिन्हा तीन बार सांसद रह चुके हैं.

2014 में जीते थे मनोज सिन्हा
लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान मोदी लहर में भी सपा और बसपा का प्रदर्शन गाजीपुर में निराशाजन नहीं रहा था. यहां से सपा ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. मनोज सिन्हा 306929 वोट पाकर जीते थे तो सपा की शिवकन्या कुशवाहा 32452 वोट से हारी थीं. उन्हें 274477 जबकि बसपा के कैलाशनाथ सिंह यादव को 241645 वोट मिले थे. लोकसभा चुनाव 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी ने भाजपा के मनोज सिन्हा को हराया था.अफजाल अंसारी को 5,66,082 वोट हासिल हुए थे.

क्या है जातीय समीकरण 
गाजीपुर लोकसभा सीट यादव बाहुल्य मानी जाती है. उसके बाद दलित और मुस्लिम की आबादी है. क्षत्रिय, बिन्द, कुशवाहा और राजभर जातियों के मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी है. यादव, दलित और मुस्लिम मतदाताओं की कुल संख्या गाजीपुर संसदीय सीट की कुल मतदाताओं की संख्या की लगभग आधी है. यही कारण रहा कि सपा और बसपा के गठबंधन के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा पर अफजाल अंसारी भारी पड़ गए थे.

इसके अलावा यादव बहुल सीटों पर भाजपा की जीत में सवर्ण वोटरों के साथ कुशवाहा वोटरों के जुड़ने के कारण होती रही है. गाजीपुर में कुल 292332 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाता 1541992 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1380955 है. यहां सबसे ज्यादा 4.50 लाख यादव मतदाता इसके बाद चार लाख दलित वोटर हैं.  मुस्लिम मतदाता 2.70 लाख हैं. राजपूत 2.70 लाख, ब्राह्मण 1.60 लाख, भूमिहार 40 हजार, कुशवाहा 1.20 लाख,अन्य पिछड़ा 1.50 लाख, वैश्य पिछड़ा 1.50 लाख, वैश्य अगड़ा तीस हजार, बिंद जाति के एक लाख मतदाता हैं.

कौन और कब जीता लोकसभा चुनाव
1. हर प्रसाद सिंह (कांग्रेस)- 1952 
2. हर प्रसादसिंह (कांग्रेस)- 1957 
3. विश्वनाथ सिंह, गहमरी (कांग्रेस)- 1962 
4. सरजू पांडेय (सीपीआई)- 1967 
5. सरजू पांडेय (सीपीआई)- 1971 
6. गौरी शंकर राय (जनता पार्टी)- 1977 
7. जैनुल बशर (कांग्रेस-आई)- 1980 
8. जैनुल बशर (कांग्रेस-आई)- 1984 
9. जगदीश कुशवाहा (निर्दलीय)- 1989 
10. विश्वनाथ शास्त्री (सीपीआई)- 1991 
11. मनोज सिन्हा (भाजपा)- 1996 
12. ओमप्रकाश सिंह (सपा)- 1998 
13. मनोज सिन्हा (भाजपा)- 1999 
14. अफजाल अंसारी (सपा)- 2004 
15. राधे मोहन सिंह (सपा)- 2009 
16. मनोज सिन्हा (भाजपा)- 2014 
17. अफजाल अंसारी (बसपा)- 2019   

गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में कितनी हैं विधानसभा सीटें
गाजीपुर जिले में कुल 7 विधानसभा सीटे हैं. जिले के दो विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदाबाद और जहूराबाद बलिया लोकसभा क्षेत्र में पड़ते हैं. इस तरह से गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में सपा और ओपी राजभर की सुभासपा ने गठबंधन किया था. सभी पांच सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगियों को हार मिली थी. जखनियां सीट पर सुभासपा के त्रिवेणी राम ने जीत हासिल की थी. सैदपुर सीट पर सपा के अंकित भारती, गाजीपुर सदर सीट पर सपा के जय किशन, जंगीपुर में सपा के वीरेंद्र यादव और जमानिया सीट पर सपा के ही ओमप्रकाश सिंह विधायक चुने गए थे.